कोलंबो: श्रीलंका में राष्ट्रपति चुनाव के लिए शनिवार को मतदान प्रारंभ हो गया। साल 2022 के आर्थिक संकट के बाद श्रीलंका में यह पहला चुनाव है। देश भर में 13,400 से अधिक मतदान केंद्रों पर एक करोड़ 70 लाख लोग अपने मताधिकारों का इस्तेमाल करेंगे। मतदान सुबह 7 बजे शुरू हुआ जो शाम 5 बजे तक जारी रहेगा। चुनाव परिणाम रविवार तक घोषित किए जाने की संभावना है। बता दें कि राष्ट्रपति चुनाव की निगरानी के लिए विभिन्न अंतरराष्ट्रीय चुनाव निगरानी संगठनों के 116 प्रतिनिधि श्रीलंका पहुंचे हैं। पर्यवेक्षकों में 78 यूरोपियन यूनियन यानी कि EU से हैं। EU ने इससे पहले श्रीलंका में 6 बार चुनाव निगरानी की है।
त्रिकोणीय मुकाबले की जताई जा रही उम्मीद
श्रीलंका के मौजूदा राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे देश को आर्थिक संकट से बाहर निकालने के अपने प्रयासों की सफलता के आधार पर एक निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं। कई विशेषज्ञ इसके लिए 75 सील के विक्रमसिंघे की सराहना कर चुके हैं। विक्रमसिंघे ने बुधवार रात एक चुनावी रैली में कहा था, ‘मैं यह सुनिश्चित करूंगा कि हमने जो सुधार शुरू किए हैं, उनपर आगे बढ़ते हुए देश के दिवालियापन को समाप्त करूं।’ त्रिकोणीय चुनावी लड़ाई में विक्रमसिंघे को नेशनल पीपुल्स पावर (NPP) के 56 वर्षीय अनुरा कुमारा दिसानायके और समागी जन बालावेगया (SJB) के 57 वर्षीय नेता साजिथ प्रेमदासा से कड़ी टक्कर मिल रही है।
विक्रमसिंघे के लिए बड़ी चुनौती हैं दिसानायके
विश्लेषकों का मानना है कि 1982 के बाद से श्रीलंका के राष्ट्रपति चुनावों के इतिहास में पहली बार त्रिकोणीय मुकाबला हो रहा है। श्रीलंका के ये राष्ट्रपति चुनाव काफी महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं क्योंकि यह चुनाव 2022 के आर्थिक संकट से उबरने के लिए संघर्ष कर रहे देश के भविष्य का फैसला करेगा। चुनाव को राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे के 2 साल के कार्यकाल पर जनमत संग्रह के रूप में भी देखा जा रहा है। मार्क्सवादी नीत गठबंधन ‘नेशनल पीपुल्स पावर’ के नेता अनुरा कुमारा दिसानायके भ्रष्टाचार से तंग आ चुके युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय हो रहे हैं जिसके कारण वह विक्रमसिंघे के लिए एक बड़ी चुनौती बन रहे हैं।