वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में गर्भगृह के शिखर पास गुरुवार भोर में आग से हड़कंप मच गया। शार्ट-सर्किट से लगी आग के कारण भक्त इधर-उधर भागने लगे। हालांकि सेवादारों और पुलिसकर्मियों की सजगता से कोई हताहत नहीं हुआ।
वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में गर्भगृह के शिखर पास गुरुवार भोर में आग से हड़कंप मच गया। शार्ट-सर्किट से लगी आग के कारण भक्त इधर-उधर भागने लगे। हालांकि सेवादारों और पुलिसकर्मियों की सजगता से कोई हताहत नहीं हुआ। हादसा मंगला आरती के ठीक बाद हुआ। पूरे परिसर की बिजली काटकर आग को बुझाया गया। इसके बाद मंदिर समेत हर जगह की विशेष जांच पड़ताल की गई। इस दौरान कुछ देर के लिए दर्शन पूजन भी बाधित रहा।
मंगला आरती के बाद नियमित व्यवस्था के तहत दर्शनार्थी बाबा का स्पर्श दर्शन कर रहे थे। इस बीच भोर में 4:55 बजे गर्भगृह के दक्षिणी प्रवेश द्वार से मंदिर के स्वर्ण शिखर तक गए केबल में शार्ट-सर्किट से चिंगारी निकलने लगी। यह देखकर सेवादारों और पुलिसकर्मियों ने तत्काल दर्शनार्थियों को वहां से हटाया। कुछ देर में ही चिंगारी शिखर के पास बने एक ताखे में आग का गोला बन गई। तत्काल बिजली आपूर्ति रोक दी गई इससे आग ज्यादा भड़क नहीं सकी। लेकिन दहशत में आए श्रद्धालु उस द्वार से प्रवेश करने में कतराने लगे थे।
इसके बाद सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस ने अन्य द्वार से भी श्रद्धालुओं को हटा दिया। बिजलीकर्मियों की जांच में गर्भगृह के दक्षिणी प्रवेश द्वार से बिजली आपूर्ति के लिए लगाए केबल में फाल्ट मिला। मंदिर के एसडीएम शम्भु कुमार ने बताया कि गर्भगृह में काफी पुराने तारों से बिजली आपूर्ति हो रही है। बारिश से स्पार्किंग और शार्ट-सर्किट हुआ। इससे दक्षिणी द्वार से थोड़े समय के लिए दर्शन-पूजन बाधित रहा। कहीं कोई क्षति नहीं हुई।
पूरे धाम में दिनभर चला सेफ्टी ऑडिट
गर्भगृह के बाहर भोर में हुई घटना के बाद मंदिर प्रशासन ने दिन में पूरे धाम के बिजली आपूर्ति व्यवस्था की सेफ्टी ऑडिट कराई। एसडीएम के नेतृत्व में बिजली मैकेनिक और अभियंताओं की टीम ने एक-एक हिस्से में बिजली केबल व आपूर्ति वाले क्षेत्रों की जांच की। इसके साथ ही पुराने तारों को चिह्नित किया है। एसडीएम ने बताया कि चूंकि मंदिर के पुराने हिस्से में पुराना केबल दौड़ा है। कुछ हिस्सों में नवीनीकरण हुआ है। बाकी अन्य स्थानों का भी कराया जाएगा।