समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने सोमवार को कहाकि यूपी में अब एसटीफ को ‘स्पेशल ठाकुर फोर्स’ कहा जाने लगा है। अखिलेश यादव ने सवाल किया कि सुल्तानपुर में मुख्य आरोपी के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई।
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने सोमवार को कहाकि यूपी में अब एसटीफ को ‘स्पेशल ठाकुर फोर्स’ कहा जाने लगा है। अखिलेश यादव ने सवाल किया कि सुल्तानपुर में मुख्य आरोपी के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई। मुख्यमंत्री जान लें एसटीएफ क्या है? चर्चा तो यही है कि एसटीफ मतलब स्पेशल ठाकुर फोर्स…। फर्जी मुठभेड़ का आरोप लगाते हुए कहा कि कानपुर में गाड़ी पलट गई। क्या जनता इसे स्वीकार करेगी। हमारी जानकारी है कि गाड़ी पलटाई गई। यूपी सरकार को टॉप टेन माफिया की सूची जारी करनी चाहिए। असल में गलत नरैटिव बनाने के कारण ही भाजपा हार रही है। अखिलेश के वार का यूपी भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने पलटवार भी किया है। उन्होंने कहा कि अखिलेश को अपने गिरेबां में झांककर देखना चाहिए।
अखिलेश यादव सोमवार को दिल्ली में एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में अपराधियों में जाति ढूंढने के सवाल का जवाब दे रहे थे। अखिलेश ने कहा कि भाजपा ने बेइमानी न कराई होती तो सपा-कांग्रेस गठबंधन लोकसभा चुनाव में यूपी में 50 से ज्यादा सीट जीत लेता। जहां तक राम मंदिर में दर्शन करने की बात है, वहां मंदिर निर्माण पूरा हो जाए तो दर्शन करने जरूर जाऊंगा।
हमने मठाधीशों के खिलाफ बोला
माफिया व मठ के सवाल पर अखिलेश ने कहा कि मेरा भाव गलत नहीं था। जब से भाजपा सरकार बनी तो तमाम साधु संतों की हत्याएं हुईं। हमने किसी साधु के खिलाफ नहीं बोला। हमने मठाधीशों के खिलाफ बोला। हमारे पुतले जलाए गए हैं। हमें कहें तो आधे घंटे में 600 पुतले जलवा सकते हैं। मुख्यमंत्री योगी नहीं हैं। हमारे शास्त्र कहते हैं कि जिसे क्रोध नहीं आए वह योगी है। डबल इंजन की सरकार में टकराव चल रहा है, उससे ध्यान हटाने के लिए मुख्यमंत्री इस तरह के काम कर रहे हैं। कन्नौज में नबाव सिंह का भाजपा नेताओं से बहुत अच्छा रिश्ता था। भाजपा का एक गुट उन्हें फंसाने में लगा था, एक बचाने में लगा था। लाल रंग में मत उलझिए, लाल रंग सिंदूर का भी है। जब गठबंधन बसपा के साथ टूट गया तो फोन कनेक्शन भी टूट गया।
मुख्यमंत्री के बारे में बोलने से पहले गिरेबान में झांके सपा प्रमुख: भूपेंद्र
लखनऊ। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के बयान पर पलटवार किया है। सोमवार को उन्होंने कहा कि सपा प्रमुख यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बारे में कुछ भी बोलने से पहले अपने गिरेबान में झांक लें। मुख्यमंत्री से बढ़कर किसने त्याग किया है? दुनिया जानती है कि योगी आदित्यनाथ अपने परिवार को त्यागकर संन्यासी बने थे।
मुख्यमंत्री प्रदेश के 24 करोड़ वासियों को ही अपना परिवार मानते हैं और उनके सुख-दुख की चिंता करते हैं। सपा की परिवारवादी विचारधारा स्वभाविक रूप से योगी जैसे त्यागी के तप और जतन को देखकर आहत होगी। जिनका नारा ही “खाली प्लॉट हमारा है” रहा हो, वह भला क्या त्याग की बात कर पाएंगे। उन्होंने यह भी कहा है कि मुख्यमंत्री योगी एक संत हैं, उन्हें क्रोध नहीं आता है लेकिन मासूम जनता को आहत करने वाले लोगों को वह बख्शते भी नहीं है। ऐसे तत्वों के समूल नाश का अध्याय लिख देते हैं।
बुल्डोजर न्याय व विकास का प्रतीक है
चौधरी ने कहा है कि सपा को बुल्डोजर से बड़ी दिक्कत है, होनी भी चाहिए। उन्हें बुल्डोजर केवल एक यंत्र दिखता होगा लेकिन मुख्यमंत्री के लिए यह न्याय और विकास का प्रतीक है। बुल्डोजर आम सामान्य लोगों को कोई परेशानी नहीं देता है, यह तो अराजक, असमाजिक और आपराधिक तत्वों के दिलों में दहशत बैठाने का माध्यम है। सपा के चरित्र को कौन नहीं जानता। ये वही पार्टी है जो मोईद खान के मामले पर चुप्पी साध लेती है जबकि इसके अगुआ मुख्तार अंसारी जैसे माफियाओं की कब्र पर फातिहा पढ़ने जाते हैं और किसी अपराधी का एनकाउंटर हो जाए तो फिर जातिगत समीकरण भिड़ाने में लग जाते हैं।
राम को नकारने वाले रामराज्य की अवधारण को कैसे स्वीकारेंगे
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा है कि सपा का चरित्र सभी के सामने है, किसी से कुछ छिपा नहीं है। ये वही पार्टी है जो वोटबैंक की लालच में इस कदर लिप्त है कि राम मंदिर आंदोलन के दौरान जिसने निहत्थे राम भक्तों पर गोलियां चलवा दी थीं। प्रभु श्रीराम के प्रति आज भी इनके मन में घृणा कम नहीं हुई है। उन्होंने कहा है कि राम को नकारने वाले भला रामराज्य की अवधारणा को सच करने की दिशा में निरंतर कार्य कर रहे मुख्यमंत्री योगी को कैसे स्वीकार कर सकते हैं।