करौली : तुतलाना एक आम समस्या है, जिसका सामना कई छोटे बच्चे करते हैं. अक्सर देखा जाता है कि माता-पिता इसे लेकर बेहद गंभीर रहते हैं और अंग्रेजी दवाई के साथ ऑपरेशन करने की भी योजना बना लेते हैं. ऐसे में इस समस्या से निपटने के लिए विशेषज्ञों ने एक प्राकृतिक उपाय सुझाया है, जो न सिर्फ सरल है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है. अगर आपके बच्चे तुतलाते हैं, तो उन्हें आंवले का जूस गुनगुने पानी के साथ पिलाना एक बेहतरीन घरेलू उपाय हो सकता है. आंवला न सिर्फ उनकी आवाज़ को स्पष्ट करेगा, बल्कि उनकी प्रतिरोधक क्षमता को भी मजबूत बनाएगा.
आंवले का जूस क्यों है फायदेमंद?
आंवला विटामिन C से भरपूर होता है और इसे आयुर्वेद में एक शक्तिशाली औषधि माना जाता है. इसके नियमित सेवन से गले की मांसपेशियां मजबूत होती हैं और आवाज में स्पष्टता आती है. इसके अलावा मस्तिष्क और नर्वस सिस्टम को भी ताकत देता है.
कैसे पिलाएं आंवले का जूस
1 ताजा आंवला या बाजार से उपलब्ध आंवले का शुद्ध जूस, 1 गिलास गुनगुना पानी और शहद ले लीजिए. अगर आप ताज़ा आंवला इस्तेमाल कर रहे हैं, तो इसे अच्छी तरह धोकर जूस निकालें. इसके लिए आंवले को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटें और मिक्सर में पीस लें. फिर इसे छानकर जूस निकाल लें. 2 चम्मच आंवले का जूस लें और इसे 1 गिलास गुनगुने पानी में मिलाएं. स्वाद के लिए आप इसमें 1 चम्मच शहद भी मिला सकते हैं, जिससे बच्चों को इसे पीने में आसानी हो.
इसे कैसे पिलाएं
इस जूस को सुबह के समय खाली पेट या नाश्ते के बाद पिलाएं. इसका सेवन रोजाना करने से बच्चों की तुतलाने की समस्या में सुधार देखने को मिलेगा. लगातार 2-3 महीने इस प्रक्रिया को अपनाने से बच्चों की आवाज में स्पष्टता और आत्मविश्वास आएगा.
प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि
आंवला विटामिन C से भरपूर होता है, जो बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है और उन्हें संक्रमण से बचाता है. आंवला बच्चों के मस्तिष्क के विकास में भी मदद करता है, जिससे उनकी सीखने और समझने की क्षमता बढ़ती है. आंवले का सेवन बच्चों के पाचन तंत्र को भी बेहतर बनाता है, जिससे उनके शरीर में पोषक तत्वों का समुचित अवशोषण होता है.
क्या है एक्सपर्ट की राय
करौली आयुर्वेदिक चिकित्सालय के वरिष्ठ आयुर्वेदिक चिकित्सक रमन स्वरूप लवानिया के अनुसार, आंवला बच्चों की तुतलाने की समस्या के लिए एक प्रभावी घरेलू उपाय है. यह न सिर्फ उनकी भाषण क्षमता में सुधार करता है, बल्कि उनकी सेहत को भी बेहतर बनाता है. हालांकि, अगर समस्या ज्यादा गंभीर हो तो बच्चों के लिए एक स्पीच थेरपिस्ट की सलाह भी जरूरी होती है.
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FIRST PUBLISHED : September 13, 2024, 23:45 IST