म्योरपुर (प्रभात मिश्रा)
– करुणा, प्रेम और ममता की मूरत थी डाक्टर रागिनी
म्योरपुर। ब्लॉक के गोविंदपुर स्थित बनवासी सेवा आश्रम परिसर स्थित प्रेरणा स्थल पर बृहस्पतिवार को सर्व धर्म प्रार्थना का आयोजन कर सोनभद्र की मदर टेरेसा कहे जाने वाली महान समाजसेविका और लेखिका डाक्टर रागिनी के जन्म दिवस पर उन्हें याद कर उनके जीवन और कार्यों, समाज में गरीब आदिवासियो के सेवा को लेकर चर्चा की गई।साहित्यकार अजय शेखर ने कहा कि 1968 में इस क्षेत्र में आकर उन्होंने गरीबों की सेवा के लिए पूरा जीवन समर्पित कर दिया।उन्होंने मरीजों और ग्रामीणों खास कर महिलाओ के लिए जागरूकता के साथ उन्हे सास्वत जीवन जीने और घरेलू उपचार से स्वास्थ्य ठीक रखने का मंत्र दिया।एमडी की डिग्री के बाद भी उन्होंने इस बीहड़ और अभाव ग्रस्त क्षेत्र को सेवा के जरिए सिंचित किया।वह त्याग, करुणा और प्रेम की प्रतिमूर्ति थी।कहा कि आज समाज को बांटने और युवाओं को जाति, धर्म के नाम पर उनके अंदर जो भावना भरी जा रही है वह धर्म नही है धर्म तो धारण करने की चीज है और संस्कृति जीवन जीने की।शिवशरण सिंह ने कहा कि डाक्टर रागिनी चिकित्सक के साथ महान समाज सेविका, पर्यावरण चिंतक और लेखिका थी।उन्होंने क्षेत्र के स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यावारण सरंक्षण, समाज के उत्थान के लिए ऐतिहासिक कार्य किया।उन्हे जमुनालाल बजाज सहित अन्य राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कारों से नवाजा गया।इसके बाद प्रेरणा स्थल पर दीप प्रज्वलित कर पुष्प अर्पित किया गया।इस मौके पर शुभा प्रेम, विमल, इंदुबाला, देवेनाथ सिंह, दिनबंधु बिहारी, यश्वी पांडेय, नीरा बहन, पूजा विश्वकर्मा, अमरजीत सुरेश, विजय, सीता देवी, गिरधारी समेत आश्रम के कार्यकर्ता और छात्र उपस्थित रहे।