सोनभद्र, संवाददाता। दो प्रदेशों को जोड़ने वाले बभनी के असनहर-छत्तीसगढ़ मार्ग के चौड़ीकरण की प्रक्रिया शुरु हो गई है। इस मार्ग के चौड़ीकरण से क्षेत्र के लोगों को काफी सहूलियत मिलेगी। शीघ्र ही शासन से स्वीकृति मिलते ही चौड़ीकरण कार्य भी शुरु कर दिया जाएगा।
बभनी के असनहर-रम्पाकुर से होते हुए छत्तीसढ़ बार्डर तक जाने वाले मार्ग के चौड़ीकरण की प्रक्रिया शुरु हो गई है। लोक निर्माण विभाग निर्माण खंड के अवर अभियंता जितेन्द्र तिवारी ने बताया कि मार्ग की चौड़ाई कुल साढे़ पांच मीटर रहेगी। इसके साथ ही आवश्यकतानुसार पटरी भी बनाई जाएगी। इस मार्ग में पांच स्थनों पर पुल का भी निर्माण कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि मार्ग के चौड़ीकरण कार्य में लगभग 45 से 50 करोड़ की लागत आएगी। बताया कि मार्ग में आने वाली वन भूमि और बिजली के खंभों का स्टीमेट भी विभाग से ले लिया गया है। शासन से शीघ्र ही स्वीकृति मिलते ही चौड़ीकरण कार्य भी शुरु कर दिया जाएगा। बता दें कि क्षेत्र के लोगों की इस सड़क के चौड़ीकरण की मांग काफी दिनों से चल रही थी। इस मार्ग की स्थिति पूर्व में काफी दयनीय थी। लिंग मार्ग होने के कारण आए दिन दुर्घटना भी होती रहती थी। इस मार्ग से आसपास के दर्जनों गांवों के ग्रामीण आवागमन करते थे। इसी मार्ग पर बभनी स्थित सेवाकुंज आश्रम भी स्थिति है, जहां आदिवासी बच्चों आवासीय शिक्षण की व्यवस्था है। इस मार्ग के चौड़ीकरण से क्षेत्र के लोगों को काफी सहूलियत मिलेगी।
बभनी के असनहर-रम्पाकुरर से छत्तीसगढ़ जाने वाले मार्ग के चौड़ीकरण से क्षेत्र के असनहर, रम्पाकुरर, बचरा, सेमरिया, चकचपकी, डुमरहर, भंवर, बड़होर, नवाटोला, कारीडाड़, चपकी समेत दर्जन भर गांवों को आवागमन जहां सहूलियत मिलेगी, वहीं छत्तीसगढ़ जाने में समय की भी बचत होगी।
असनहर-रम्पाकुरर से होते हुए छत्तीगढ़ जाने वाले मार्ग के चौड़ीकरण से मरीजों को भी सुविधा मिलेगी। छत्तीसगढ़ से वाराणसी जाने वाले मरीजों को कम समय में वाराणसी पहुंचे की सुविधा मिलेगी। इस मार्ग से वे सीधे सोनभद्र होते हुए वाराणसी कम समय में पहुंच जाएंगे।
बभनी के असनहर-रम्पाकुरर होते हुए छत्तीसगढ़ जाने वाले मार्ग के चौड़ीकरण की प्रक्रिया शुरु हो गई है। 45 से 50 करोड़ की लागत से चौड़ीकरण कार्य कराया जाएगा। चौड़ीकरण के लिए नापी आदि का कार्य भी करा लिया गया है। शासन से शीध्र ही स्वीकृति मिलते ही कार्य शुरु कर दिया जाएगा।
जितेन्द्र तिवारी, अवर अभियंता, निर्माण खंड, लोक निर्माण विभाग