चैम्पियंस ट्रॉफी हॉकी टूर्नामेंट में अभी तक टीम इंडिया का प्रदर्शन शानदार रहा है। भारत ने पहले दो मैचों में जीत दर्ज की है और अब उसे 11 सितंबर को मलेशिया का सामना करना है। टीम इंडिया जीत की लय को बरकरार रखते हुए टूर्नामेंट में आगे बढ़ने के इरादे से उतरेगी। भारतीय टीम ने अभी तक अच्छा प्रदर्शन किया है। पेरिस ओलंपिक में भारतीय टीम ने ब्रोन्ज मेडल जीता था, लेकिन तब मैदानी गोल नहीं कर पाना उसके लिए चिंता की बात बनी हुई थी। ओलंपिक में भारत ने 15 गोल किए थे, लेकिन इनमें केवल तीन मैदानी गोल शामिल थे। मौजूदा टूर्नामेंट में हालांकि उसके युवा स्ट्राइकरों ने इस चिंता को कुछ हद तक कम किया है।
ओलंपिक के बाद संन्यास लेने वाले गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने भी इस फील्ड में सुधार करने की जरूरत पर जोर दिया था। उन्होंने कहा था, ‘अगर हमें भारतीय हॉकी टीम को अगले लेवल पर पहुंचाना है और ओलंपिक में लगातार मेडल जीतने हैं तो हमें अधिक मैदानी गोल करने होंगे क्योंकि हमारी डिफेंस की भी अपनी सीमाएं हैं।’ भारतीय डिफेंस लाइन लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रही है। उसने ओलंपिक में लगातार दूसरा ब्रोन्ज मेडल जीतने में अहम भूमिका निभाई और एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी में भी उसने अभी तक अच्छा प्रदर्शन किया है।
भारत ने पहले मैच में मेजबान चीन को 3-0 से हराकर खिताब का बचाव करने के अपने अभियान की शानदार शुरुआत की थी। उसने अपने अगले मैच में जापान को 5-1 से हराया था। भारत ने अभी तक जो आठ गोल किए हैं, उनमें सात मैदानी गोल शामिल हैं, जबकि युवा ड्रैग-फ्लिकर संजय ने जापान के खिलाफ पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदला था।
पेरिस ओलंपिक में भारतीय टीम का हिस्सा रहे युवा स्ट्राइकर सुखजीत सिंह ने अभी तक तीन मैदानी गोल किए हैं जबकि अभिषेक और उत्तम सिंह ने दो-दो मैदानी गोल किए हैं। मौजूदा फॉर्म को देखते हुए भारतीय टीम इस टूर्नामेंट में जीत की प्रबल दावेदार है। वह इससे पहले चार बार चैंपियन रह चुकी है। दूसरी तरफ मलेशिया का प्रदर्शन अभी तक अच्छा नहीं रहा है। उसे एक मैच में हार का सामना करना पड़ा जबकि एक अन्य मैच उसने ड्रॉ खेला।
भारत ने हालांकि नए ओलंपिक राउंड की शुरुआत की है और ऐसे में वह किसी भी टीम को हल्के से लेने की गलती नहीं करेगा। छह टीमों के राउंड रोबिन मैच के बाद चोटी पर रहने वाली चार टीम सेमीफाइनल में जगह बनाएंगी जो 16 सितंबर को खेले जाएंगे। फाइनल 17 सितंबर को होगा।