म्योरपुर। स्थानीय कस्बा के किसान इन दिनों छुट्टा पशुओं के आतंक से परेशान हो गए है। खेत से नजर जैसे ही हटा कोई न कोई पशु खेत मे घुस फ़सल को नष्ट कर दे रहे है। इसको लेकर किसान बहुत चिंतित है।
किसान पवन अग्रहरी, वीरेंद्र कुमार, बब्लू अग्रहरी, जीतेन्द्र अग्रहरी,अनिल अग्रहरी, संजय कुमार, विजय प्रकाश आदि ने बताया की हम लोग छुट्टा पशुओं के आतंक से खेती करना बंद कर दिए हैं। इतना महंगा खेत का जोताई करा कर,बीज एवं खाद डाल कर जैसे ही फ़सल देखने लायक होती है। लेकिन कोई न कोई छुट्टा पशु पहुंच कर फसल को चट कर दे रहे हैं। पशुओं के पीछे पीछे जा कर उन्हें पूरा कस्बा भ्रमण कराया जा रहा है। लेकिन गाँव का कोई ब्यक्ति यह कहने को तैयार नहीं है की यह पशु मेरा है। जिस कारण गाँव मे तनाव की स्तिथि पैदा हो गयी है। किसानो का कहना है की गाँव मे एक पशु आश्रय केंद्र बन जाये जिसमे जितना भी छुट्टा पशु सड़क पर एव कस्बा में घूम रहे है उनपर लगाम लग सके और हम किसान पहले जैसा खेती किसानी कर सके। किसान मुस्तफ़ा अली, गौरी शंकर ने कहा की हमने 28500 सौ रूपये का धान का बीज लेकर धान का नर्सरी लगाया था। खेत की जुताई व धान की रोपाई में लाखों रुपए खर्च किया था। लेकिन छुट्टा पशु अब फसलों को चट कर जा रहे हैं। जिससे शारीरिक व आर्थिक स्तिथि खराब हो रही है। दूसरे किसान विकास अग्रहरी ने कहा की हम किसान अपना पसीना बहा कर खेती कर रहे है। पशुपालक अपने पशु को छोड़ दे रहे है जिसे अब बर्दाश्त कतई नहीं किया जायेगा। समय रहते पशु स्वामी अपने पशुओ को नियंत्रण नहीं करेंगे तो हम किसान आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। ग्रामीणों ने जिलाधिकारी का ध्यान इस ओर आकृष्ठ कराते हुए जल्द से जल्द छुट्टा पशुओं पर लगाम एव पशु आश्रय केंद्र बनाये जाने की मांग की है।