नई दिल्ली: वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 पर विस्तार से विचार-विमर्श के लिए बनाई गई संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की दूसरी बैठक भी हंगामेदार रही। शुक्रवार को हुई इस मैराथन बैठक में बिल को लेकर बीजेपी और विपक्षी सांसदों के बीच जोरदार बहस हुई। इसके अलावा मुस्लिम संगठनों ने भी बिल का जोरदार विरोध किया और इसे अवैध बताते हुए कहा कि सरकार को इसमें दखल नहीं देना चाहिए। विधेयक पर अपना पक्ष रखने के लिए बैठक में आमंत्रित मुस्लिम संगठनों ने बिल का विरोध किया। जेपीसी की अगली बैठक 5 और 6 सितंबर को होगी।
‘वक्फ मुसलमानों का मामला है’
मुस्लिम संगठन की तरफ से जेपीसी की बैठक में बुलाए गए ऑल इंडिया सुन्नी जमीयत-ए-उलेमा ने बिल का विरोध करते हुए कहा कि उन्हें वक्फ कानूनों में संशोधन मंजूर नहीं है। उसने कहा कि वक्फ मुसलमानों का मामला है और सरकार को इसमें दखल नहीं देना चाहिए। वहीं, जेपीसी के सामने इंडियन मुस्लिम फॉर सिविल राइट्स संस्था ने भी बिल में संशोधन का विरोध किया। संस्था के अध्यक्ष पूर्व सांसद मोहम्मद अदीब ने इस बिल को अवैध बताते हुए यह आरोप लगाया कि सरकार मुसलमानों के धार्मिक मामलों में दखलंदाजी कर रही है।
सांसदों के बीच जमकर हुआ आरोप-प्रत्यारोप
सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी के सांसद जब बिल पर अपनी बात रख रहे थे तो उन्हें विपक्षी सांसदों की तरफ से बार-बार टोका-टाकी का सामना करना पड़ रहा था। बीजेपी के सांसदों ने विपक्षी सांसदों पर अनियंत्रित होने और उन्हें सही ढंग से नहीं बोलने देने का आरोप लगाया तो वहीं विपक्षी सांसदों ने यह आरोप लगाया कि बीजेपी सांसद मनमानी कर रहे हैं, लोकतांत्रिक प्रक्रिया का पालन नहीं कर रहे हैं और विपक्ष के सांसदों पर व्यक्तिगत टिप्पणी भी कर रहे हैं। बैठक में बीजेपी सांसद दिलीप सैकिया और आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह के बीच तीखी बहस भी हुई।
‘अभिजीत गंगोपाध्याय और ओवैसी भी भिड़े’
सैकिया और सिंह के बीच बैठक में काफी देर तक दिल्ली के हालात, आम आदमी पार्टी के नेताओं की गिरफ्तारी, उपराज्यपाल के कार्य और बिल में कलेक्टर को दिए गए अधिकार को लेकर बहस होती रही। बैठक में ‘वक्फ बाई यूजर ‘और कलेक्टर के अधिकारों को लेकर अन्य सांसदों के बीच भी तीखी बहस हुई। AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने आज बिल के विरोध में एक और लिखित नोट JPC के अध्यक्ष जगदंबिका पाल को दिया। बताया जा रहा है कि बैठक में असदुद्दीन ओवैसी और अभिजीत गंगोपाध्याय के बीच भी तीखी बहस हुई। गंगोपाध्याय की व्यक्तिगत टिप्पणी को अपमानजनक बताते हुए औवेसी ने जोरदार विरोध किया।
थोड़ी देर के लिए वॉकआउट कर गए थे विपक्षी सांसद
बैठक में एक समय ऐसा भी आया, जब सरकार के रवैये का विरोध करते हुए विपक्षी दलों ने बैठक से ही वॉकआउट कर दिया। दरअसल, मुस्लिम संगठन की तरफ से पेश हुए एक वकील ने बिल को लेकर पहले JPC में अपनी बात रख दी थी। लेकिन उन्होंने जब दूसरी बार फिर से बोलना शुरू किया तो उन्हें यह कहते हुए रोक दिया गया कि वह दोबारा नहीं बोल सकते। विपक्षी सांसद इसका विरोध करते हुए खड़े हो गए। असदुद्दीन ओवैसी, ए. राजा, इमरान मसूद, एम. मोहम्मद अब्दुल्ला और अरविंद सांवत सहित कई अन्य विपक्षी सांसद वॉकआउट करते हुए बैठक से बाहर निकल गए, हालांकि थोड़ी देर बाद ही वे फिर से बैठक में वापस आ गए। (IANS इनपुट्स के साथ)