गाजियाबाद के विजयनगर थाना क्षेत्र में रहने वाली एक महिला ने पूर्व दोस्त और उसके वकील को जेल भिजवाने के लिए अपने 7 वर्षीय बेटे के अपहरण की फर्जी कहानी रच दी। फेसबुक पर दोस्त बने युवक से बच्चे को अगवा कराया और फिर थाने में झूठी रिपोर्ट लिखवा दी। हालांकि, पुलिस ने महज 12 घंटे में घटना का खुलासा करते हुए बच्चे को सकुशल बरामद कर लिया और मां और उसके साथी को गिरफ्तार कर लिया।
डीसीपी सिटी कुंवर ज्ञानंजय सिंह का कहना है कि विजयनगर क्षेत्र में रहने वाली महिला ने शनिवार को अपने 7 वर्षीय बेटे के अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। महिला का कहना था कि स्कूल से आते समय अज्ञात अपहरणकर्ता उनके बेटे को अगवा कर ले गए। डीसीपी ने बताया कि महिला की शिकायत पर केस दर्ज कर बच्चे और अपहरणकर्ताओं की तलाश के लिए पुलिस टीमों का गठन किया गया। महज 12 घंटे की मशक्कत के बाद पुलिस ने बच्चे को सकुशल बरामद कर पूरी साजिश को बेनकाब कर दिया।
डीसीपी सिटी ने बताया कि बच्चे की मां ने ही बुलंदशहर के सिकंदराबाद निवासी अपने दोस्त नीरज अधाना के साथ मिलकर अपहरण की फर्जी कहानी बनाई। महिला ने अपने पूर्व दोस्त और उसके वकील को जेल भिजवाने के लिए षड्यंत्र रचा था।
डीसीपी सिटी के मुताबिक, आरोपी महिला ने दोस्त नीरज को कहा था कि वह उसके बेटे को आशु शर्मा और लोकेश चोपड़ा के नाम रटवा दे कि वह दोनों उसे कार में डालकर ले गए थे। साथ ही महिला ने नीरज से कहा था कि उसके बेटे को तीन से चार दिन बाद बच्चे को नशीला पदार्थ खिलाकर प्रताप विहार पुलिस चौकी के पास छोड़ जाए। बच्चे के बयान के आधार पर वह आशु शर्मा और उसके वकील लोकेश चोपड़ा को जेल भिजवा देगी।
पूर्व दोस्त पर दर्ज है दुष्कर्म का केस : डीसीपी सिटी ने बताया कि आरोपी महिला पति से विवाद के चलते कई वर्षों से उससे अलग रह रही है। महिला अपने सात वर्षीय बेटे के साथ रहती है, जो तीसरी क्लास का छात्र है। महिला की पूर्व में आशु शर्मा नामक युवक से दोस्ती थी, लेकिन वर्ष 2021 में अनबन हो जाने के चलते महिला ने आशु शर्मा के खिलाफ दुष्कर्म का केस दर्ज कराया था। आशु के केस की पैरवी वकील लोकेश चोपड़ा कर रहे हैं। इसके अलावा महिला दोनों के खिलाफ मारपीट का भी केस दर्ज करा चुकी है। महिला ने आशु शर्मा और लोकेश को सबक सिखाने और दोनों को जेल भिजवाने के लिए अपने ही बेटे के फर्जी अपहरण की कहानी रच डाली।
सोशल मीडिया से दोस्त बने युवक से बेटे को गायब कराया
महिला की दोस्ती फेसबुक के जरिये आरोपी नीरज अधाना से हुई थी। बेटे के अपहरण की साजिश में महिला ने नीरज को शामिल किया। महिला ने अस्पताल जाने का बहाना बनाकर अपने बेटे को शब्बो के पास छोड़ दिया था। कुछ घंटे बीत जाने के बाद जब शब्बो ने बेटे को ले जाने की बात की तो महिला ने नीरज को शब्बो के घर भेजा। नीरज बच्चे को अपने घर सिकंद्राबाद लेकर पहुंचा। परिजनों को नीरज और महिला के संबंधों का पता था, उन्होंने बच्चे को घर में रखने से मना कर दिया।
पकड़े जाने के डर से बच्चे को मौसी के पास छोड़ भागा
पुलिस के मुताबिक, पुलिस ने महिला के मोबाइल की सीडीआर पर काम शुरू कर दिया था। उसमें नीरज, शब्बो और बच्चे की मौसी के नंबरों पर बात मिली। नीरज सिकंद्राबाद से बच्चे को लेकर हापुड़ में रहने वाले अपने मामा के घर पहुंचा। लोकेशन के हिसाब से पुलिस ने वहां दबिश दी, लेकिन बच्चा नहीं मिला। पुलिस ने शब्बो और बच्चे की मौसी से पूछताछ की तो साफ हो गया कि बच्चा नीरज के पास है। पकड़े जाने के डर से नीरज अपहृत बच्चे को उसकी मौसी के घर छोड़कर फरार हो गया।