यूपी की महिला रेनू यादव को इंडियन फारमर्स फर्टिलाइजर कोपऑपरेटिव लिमिटेड (इफको) की ओर से युवा साहित्य सम्मान दिया जाएगा। संस्थान के श्रीलाल शुक्ल स्मृति इफको के तहत युवा साहित्य सम्मान के लिए यूपी की रेनू यादव के नाम की घोषणा की गई है। रेनू यादव को 30 सितंबर को नई दिल्ली में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में ढाई लाख रूपये के इनाम की राशि भी दी जाएगी। बतादें कि हर साल की तरह इस साल भी उर्वरक क्षेत्र की अग्रणी सहकारी संस्था इंडियन फारमर्स फर्टिलाइजर कोआपरेटिव लिमिट इफको द्वारा 2024 के श्रीलाल शुक्ल स्मृति इफको साहित्य सम्मान का आयोजन किया जाता है। इस साल के सम्मान समारोह के लिए संस्थान ने गोरखपुर जिले में जन्मी रेनू यादव को श्रीलाल शुक्ल स्मृति युवा साहित्य सम्मान से नवाजा जाएगा। रेनू यादव को पहले भी कई सम्मान से नवाजा जा चुका है। छत्तीसगढ़ के रायपुर में ‘सृजन श्री’ सम्मान सृजन-सम्मान बहुआयामी सांस्कृतिक संस्था एवं प्रमोद वर्मा स्मृति संस्थान और दिल्ली में ‘विरांगना सावित्रीबाई फूले नेशनल फेलोशिप अवार्ड’ भारतीय दलित साहित्य अकादमी से भी रेनू यादव सम्मानित की जा चुकी हैं।
युवा साहित्य सम्मान से नवाजी गईं रेनू यादव का जन्म 16 सितंबर 1984 को गोरखपुर में हुआ था। उन्होंने एम.ए., एम.फिल., पीएच.डी., यू.जी.सी-नेट संप्रति- असिस्टेंट प्रोफेसर, भारतीय भाषा एवं साहित्य विभाग (हिन्दी), गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय ग्रेटर नोएडा से शिक्षा ग्रहण की है। रेनू यादव ने कई कहानियां लिखी हैं। इनकी प्रमुख कृतियों में ‘महादेवी वर्मा के काव्य में वेदना का मनोविश्लेषण’ (आलोचनात्मक पुस्तक), ‘मैं मुक्त हूँ’ (काव्य-संग्रह), साक्षात्कारों के आईने में – सुधा ओम ढींगरा (संपादित पुस्तक) शामिल है। इन्होंने स्त्री विमर्श के आईने में राधा का प्रेम और अस्तित्व, पद्मावत और पूर्वराग, प्रवास में स्त्री-विमर्श टहल रहा है पर शोध पत्र भी लिखा है।
रेनू यादव का मासिक पत्रिका साहित्य नंदिनी में ‘चर्चा के बहाने’ स्तम्भ (कॉलम) प्रकाशित होता है तथा इससे पहले कैनेडा से निकलने वाली पत्रिका हिन्दी चेतना में ‘ओरियानी के नीचे’ नामक स्तम्भ प्रकाशित होता था। स्त्री-विमर्श पर केन्द्रित कहानियाँ, कविताएँ एवं शोधात्मक आलेख आदि विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं।