भारी बारिश और डैम से पानी छोड़ जाने के कारण यूपी में फर्रुखाबाद से वाराणसी तक गंगा में भारी उफान देखने को मिल रहा है। वाराणसी में 24 घंटे में पानी डेढ़ मीटर तक चढ़ गया है। केन्द्रीय जल आयोग के अनुसार अगले 24 से 48 घंटों के दौरान जलस्तर में वृद्धि की गति और तेज हो सकती है। यहां का प्रसिद्ध नमो घाट एक बार फिर डूब गया है। फर्रुखाबाद में दर्जनों गांव पानी से घिर गए हैं। प्रभावित क्षेत्रों में हाहाकार मचा है। पानी तेजी के साथ गांवों की ओर घुस रहा है। कई संपर्क मार्ग पानी में डूब गये हैं तो परिषदीय विद्यालयों में भी पानी भरने से शिक्षण कार्य ठप हो गया है। प्रभावित क्षेत्रों के लोग सड़कों के किनारे डेरा डाल रहे हैं। खतरे को देखते हुये प्रशासन की टीमें सक्रिय हो गयी हैं। उत्तराखंड एवं मध्य प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों में लगातार भारी वर्षा के कारण प्रयागराज से बलिया वाया वाराणसी तक गंगा में ज्यादा उफान दिख रहा है।
वाराणसी में बुधवार सुबह आठ बजे से अपराह्न तीन बजे तक गंगा 35 सेंमी ऊपर चढ़ गईं। रात आठ बजे जलस्तर 67.32 मीटर पर था। यह बढ़ाव हफ्ते भर बाद शुरू हुआ है। 20 अगस्त को 68.26 मीटर पर पहुंचने बाद घटने लगा था। यह क्रम 26 अगस्त तक बना रहा। 27 अगस्त को जलस्तर 66.31 मीटर पर स्थिर था। बुधवार सुबह से उफान देख तटवर्ती बाशिंदों के चेहरे तनाव में आते दिख रहे हैं। बाढ़ के पानी से खाली हुईं घाटों की सीढ़ियों के फिर जलमग्न होने की आशंका है। मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाटों पर शवदाह की दिक्कतों के लंबा चलने से भी इंकार नहीं किया जा सकता।
वहीं, नाव संचालन महीने भर से बंद होने से नाविकों के सामने रोटी-रोजगार का संकट हो गया है। इसे लेकर नाविक समाज चिंतित हैं। उधर, वरुणा में भी पलट प्रवाह शुरू हो चुका है, पानी नालों के रास्ते आबादी की ओर बढ़ चला है।
प्रशासन अलर्ट, बाढ़ चौकियां सक्रिय गंगा के जलस्तर में तेज बढ़ोत्तरी को देखते हुए जिला प्रशासन अलर्ट मोड पर है। प्रशासन ने बाढ़ चौकियों को सक्रिय कर दिया है। दूसरी ओर जल पुलिस के साथ एनडीआरएफ भी चौकन्नी है।
फर्रुखाबाद में बुधवार को गंगा का जलस्तर बढ़कर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया। जबकि रामगंगा नदी भी गंगापार में लोगों को डरा रही है। शाम को गंगानदी का जलस्तर 137 मीटर पर आ गया। जो कि खतरे के निशान सवे दस सेंटीमीटर ही दूर है। जबकि रामगंगा नदी का जलस्तर 136 मीटर पर रहा। यह चेतावनी बिंदु से 60 सेंटीमीटर नीचे है। हरेली, खो और रामनगर बैराज से रामगंगा नदी में पानी छोड़े जाने का सिलसिला जारी है तो वहीं गंगानदी में नरौरा, हरिद्वार और बिजनौर बांधों से पर्याप्त मात्रा में पानी पास किया गया है इससे गंगा नदी के निकटवर्ती गांवों में हाल फिलहाल राहत मिलने की उम्मीद नहीं दिख रही है ।
पिछले 12 घंटो में पानी का तेज प्रवाह दिखायी दे रहा है। शमसाबाद तराई क्षेत्र में चारो तरफ पानी ही पानी नजर आ रहा है। ढाईघाट क्षेत्र के दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में आ गये हैं। पानी तेजी के साथ गांव की ओर रख कर रहा है। लोग इस कदर व्याकुल हैं कि सामान समेटकर अपने घर से निकलने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं। संपर्क मार्गो के पानी में डूब जाने से सबसे अधिक खतरा हो गया है।
पर्याप्त मात्रा में नावों का इंतजाम न होने से लोगों की घबराहट बढ़ रही है। गंगापार के अलावा कंपिल की कटरी के भी दर्जनों गांव गंगा के उफान से आगोश में आ गये हैं। गांव के अंदर तक पानी घुस चुका है। जिस तरह से पानी बढ़ रहा है उससे लोग इस कदर भयभीत हैं कि वे घर छोड़ने को मजबूर हो रहे हैं। इस बीच प्रशासन की ओर से भी राजस्व टीमों को सक्रिय किया गया है।
बदायूं रोड पर चलने लगा पानी, राजस्व टीम अलर्ट
अमृतपुर। गंगापार में भी बाढ़ की विनाशलीला से लोगों में भय बढ़ता जा रहा है। लोगों की चिंता इस कारण भी है क्योकि गंगा के साथ ही रामगंगा नदी भी बढ़ रही है। बदायूं रोड पर चित्रकूट के पास पानी चल रहा है। पानी इसी तरह से चलता रहा तो रात तक आवागमन बंद हो सकता है। एहतियातन पुलिस फोर्स को चित्रकूट के पास लगा दिया गया है। लोगों को गहरे पानी से न निकलने की सलाह दी जा रही है।
नायब तहसीलदार अभिषेक सिंह ने चित्रकूट के पास पहुंचकर बाढ़ का जायजा लिया। इस बीच हरसिंहपुर कायस्थ, ऊगरपुर, तीसराम की मड़ैया, रामपुर जोगराजपुर, सबलपुर, सुंदरपुर, करनपुरघाट, बरुआ, चित्रकूट, बमियारी, पूर्वी गौटिया, उदयपुर, आशा की मड़ैया, अंबरपुर, लायकपुर, कुड़री सारंगपुर आदि गांव में पानी भर गया है। इन क्षेत्रों के संपर्क मार्ग पानी में डूब गये हैँ। कटान काफी तेजी से चल रहा है। इससे कई सड़कें कट गयी हैँ। कई परिषदीय विद्यालय बंद हो गये हैं।
नगर पंचायत की सीमा तक पहुंच गया बाढ़ का पानी
शमसाबाद। बाढ़ की विभीषिका तराई क्षेत्र में जारी है। गंगा की विनाशलीला से दर्जनों गांव चपेट में आ गये हैं। पिछले 12 घंटे में तेजी के साथ पानी बढ़ा है। पानी नगर पंचायत की सीमा तक पहुंच गया है। यदि यही हालात रहे तो स्थिति और बिगड़ सकती है। क्षेत्र के एक दर्जन से अधिक विद्यालय बाढ़ को देखते हुये बंद हो गये हैं। समेचीपुर चितार में बाढ़ का पानी भरा है। विद्यालय के सामने वाली सड़क भी कट गयी है। विद्यालय के अंदर तक पानी पहुंच गया है। झौआ से कटरी तौफीक के बीच ही पानी भरा है।
इसी तरह से अचानकपुर में बाढ़ का पानी घुस गया है। यहां का भी विद्यालय बंद कर दिया गया। गढ़िया हैवतपुर में पानी भर जाने से जूनियर विद्यालय भी बंद हो गया है। गढ़िया हैवतपुर से अचानकपुर के बीच पानी भरने के बाद भी लोग जोखिम उठाकर पानी में घुसकर निकल रहे हैं। ऊगरपुर, सैदपुर पिस्तौर के बीच बाढ़ को देखते हुए नाव लगा दी गयी है। ढाईघाट मार्ग से जमुनियन नगला, वाजीदपुर, सैदपुर पिस्तौर के रास्ते भी बंद हो गये हैं। इस क्षेत्र के भी विद्यालय बंद कर दिए गए।