देश और दुनिया में ऐसे बहुत से लोग हुए हैं, जिन्होंने अपने क्षेत्र में इतनी महारत हासिल की कि उनका नाम इतिहास के पन्नों में हमेशा-हमेशा के लिए दर्ज हो गया। भारत में हॉकी के स्वर्णिम युग के साक्षी और हॉकी के जादूगर कहे जाने वाले मेजर ध्यानचंद का नाम उन्हीं महान लोगों की सूची में शामिल है। ध्यानचंद का आज जन्मदिन है और उन्हीं के जन्मदिन को ध्यान में रखकर भारत में राष्ट्रीय खेल दिवस मनाया जाता है। जैसे ही खेल दिवस और ध्यानचंद का जन्मदिन आता है तो उनको भारत रत्न दिए जाने की मांग सोशल मीडिया पर उठ जाती है।
ध्यानचंद ने अपने खेल से भारत को ओलंपिक खेलों की हॉकी स्पर्धा में स्वर्णिम सफलता दिलाने में अहम योगदान दिया था। एक नहीं, बल्कि तीन बार ओलंपिक खेलों में ध्यानचंद ने देश को गोल्ड मेडल दिलाए थे और परंपरागत एशियाई हॉकी का दबदबा दुनियाभर में कायम किया था। विपक्षी खिलाड़ियों के कब्जे से गेंद छीनकर बिजली की तेजी से दौड़ने वाले ध्यानचंद का जन्म 29 अगस्त 1905 को हुआ था।
1928, 1932 और 1936 के ओलंपिक खेलों में मेजर ध्यानचंद ने ही भारत को गोल्ड मेडल गिलाया। उन्होंने अपने करियर में कुल 570 गोल किए थे। ध्यानचंद हॉकी ही नहीं, बल्कि भारत के लिए खेलों की दुनिया के सबसे बड़े सुपरस्टार रहे हैं। उन्हीं के नाम पर देश का सबसे बड़ा खेल पुरस्कार भी है। भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया का कोई अन्य शख्स इस खेल में ध्यानचंद के आसपास नहीं है। यही उनकी सबसे बड़ी खासियत थी।
ध्यानचंद को साल 1956 में पद्म भूषण सम्मान से नवाजा गया था, जो भारत का तीसरा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान है। हालांकि, उनके मरणोपरांत ये मांग उठती रही है कि उनको भारत रत्न दिया जाना चाहिए, जो देश का सबसे बड़ा नागरिक सम्मान है। इतना ही नहीं, जब 29 अगस्त 2024 को एक बार फिर से नेशनल स्पोर्ट्स डे और दद्दा के नाम से फेमस ध्यानचंद का जन्मतिथि मनाई जा रही है तो उनके लिए फिर से सोशल मीडिया पर भारत रत्न देने की मांग चल रही है।