बीजपुर (रामबली मिश्रा)
बीजपुर। तीन हजार मेगावाट क्षमता वाली एनटीपीसी रिहंद विद्युत परियोजना की राख निस्तारण के लिए तीस वर्षों पहले बनी मिटीहिनी राख बंधा पिछले दिनों हुई मूसलाधार बारिश में एक जर्जर जगह दरक गया जिससे वहाँ स्थिति भयावह हो गई है।प्रलय कारी आपदा को नियंत्रित करने के लिए सप्ताहभर से युद्ध स्तर पर रात दिन ठेकेदार द्वारा सैकड़ो मजदूरों और मशीन से रात दिन कार्य कराया जा रहा है।राख बांध टूटने के डर की स्थिति से परियोजना अधिकारियों के पसीने छूट रहे है।जानकारी के अनुसार तीस वर्षों पुराना मिटीहिनी में बना यह राख का बंधा में अत्यधिक राख लोड होने के कारण बंधे के स्पोर्ट के लिए बोल्डर की पिचिंग रिहंद जलाशय की ओर सीपेज कर गया।समय रहते बांध टूटने जैसी घटना पर आपात कालीन कार्य करा कर स्थित को प्रबन्धन ने नियंत्रण में कर लिया है।लगातार हो रही बारिश से परियोजना से उत्सर्जित राख पानी के दबाव से टूटने का खतरा मंडरा रहा हैं।अगर स्थित नहीं संभाली गयी तो कई वर्षो से बांध में इकठ्ठा राख पानी रिहंद जलाशय में फैल जाएगा जिससे जलीय जीव जंतु सहित पीने का पानी भी दूषित हो जाएगा।फिलहाल राख बंधे के दरके हुए हिस्से में मिट्टी बोल्डर भर कर सैकड़ो मजदूर सहित पोकलेन जेसीबी से कार्य कराया जा रहा है।बोल्डर मिट्टी के खिसकने के कारण बड़े बड़े त्रिपाल फैलाकर परत दर परत मिट्टी और बोल्डर का दबाव सप्ताहभर से दिया जा रहा हैं।आगे के दिनों में बरसात का यही हाल रहा तो स्थिति बेकाबू हो सकती हैं जो परियोजना के उत्पादन पर भी असर डाल सकता हैं।बताया जाता हैं कि राख बंधे में जब राख भर जाता है तब बंधे की ऊंचाई मिट्टी बालू बोल्डर से समय समय पर बढ़ाई जाती हैं।