विंढमगंज (वीरेंद्र कुमार)
विंढमगंज। थाना क्षेत्र अंतर्गत मोहर्रम का त्योहार डीजे के मातमी धुन या हुसैन, या हुसैन, या शहीदे कर्बला के नारों के बीच लाठी, डंडा, तलवार, गडासा से करतब दिखाया।इस दौरान पूरे जुलूस में नवयुवक के द्वारा कंधे पर लेकर दौड रहा दुलदुल घोड़ा आकर्षण का केंद्र रहा।जुलूस जमा मस्जिद, मां काली मंदिर तिराहा, मूडिसेमर तिराहा, सुभाष तिराहा, हलवाई चौक से होते अपर बाजार, साहू चौक, सब्जी गली होते हुए देर शाम सलैयाडीह ग्राम पंचायत में स्थित कर्बला पर पहुंचा।जामा मस्जिद के मौलाना रुस्तम अली ने कहा कि आज से करीब 1400 साल पहले बादशाह यजीद ने हजरत इमाम हुसैन को कर्बला के मैदान में जंग के दौरान शहीद हो गए थे।हजरत इमाम हुसैन इस्लाम धर्म के संस्थापक हजरत मुहम्मद साहब के छोटे नवासे थे। उनकी शहादत की याद में मुहर्रम के महीने के दसवें दिन को लोग मातम के तौर पर मनाते हैं, जिसे आशूरा भी कहा जाता है।इस दौरान सदर सोहेल खान, शाहरुख खान, जावेद अख्तर, एनुअल सिद्दीकी, अबरार अहमद, नसीम अली, राजा समीम, मनोवर खान, इम्तियाज़ खान, शकील अहमद, मुर्तुजा अंसारी के साथ-साथ निगरानी में स्थानीय प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद थे।