बीजपुर (रामबली मिश्रा)
बीजपुर। डीएवी रिहंद की दशवी में टॉपर रही छात्रा अंशिका मिश्रा बारहवीं में सीबीएसई बोर्ड के इग्जामिनर के जांच के लापरवाही की भेंट चढ़ गई। इग्जामिनर के इस क्रिया कलाप से जहां बोर्ड की छवि धूमिल होगी वही स्थानीय विद्यालय के गरिमा पर भी आंच आएगी।छात्रा अंशिका मिश्रा के पिता अरविंद मिश्र ने बताया की मेरी बेटी दशवी बोर्ड में प्रथम स्थान पर रही और बारहवीं वर्ष 2024 के बोर्ड परीक्षा में कड़ी मेहनत कर विद्यालय में स्थान प्राप्त करने के लिए लगी रही लेकिन दुर्भाग्य कहे या संयोग की वह कोई स्थान नहीं प्राप्त कर सकी।इससे वह मानसिक तनाव में हो गई।परिजनों के काफी ढाढस के बाद छात्रा हिम्मत नहीं हारी उसने बताया की हमारा केमेस्ट्री में 70 में 41 नंबर बोर्ड द्वारा दिया गया है वह गलत है।अभिभावक ने बेटी के दृढ़ विश्वास को देखते हुए इस विषय को गलत नंबर दिए जाने की चुनौती सीबीएसई बोर्ड को दी।बोर्ड ने जरिए मेल पर संदेश दिया कि कुछ त्रुटी हुई है, अगले दिन बोर्ड द्वारा छः नंबर बढ़ाकर दिया गया।छात्रा अंशिका मिश्रा को बोर्ड द्वारा बढ़ाए गए इस नंबर से संतुष्टि नहीं हुई तो उसने पुनः बोर्ड फीस जमा कर कापी दिखाने की चुनौती दी।जब बोर्ड द्वारा कापी आन लाइन दिखाई गई तो जांच कर्ता द्वारा गलत नंबर देने के चौकाने वाला मामला सामने आया जिसमे छात्रा के करीब 28 नंबर के सही उत्तर के काटे गए थे।उसने अपने सही उत्तर को चुनौती देते हुए नंबर बढ़ाने को कहा, बोर्ड ने मामले को गंभीरता से लेते हुए छात्रा के मात्र 11 नंबर और बढ़ाए जो टोटल 17 नंबर बढ़े।इस नंबर के बढ़ने के साथ 91.2 प्रतिशत हो गया जो अब वह अपने विद्यालय में तीसरे स्थान को प्राप्त कर सकी।इस चुनौती के परिणाम आने के दौरान प्रतिभावान छात्रा काफी सदमे में रही।अभी भी वह इस रिजल्ट से संतुष्ट नहीं है, वह लापरवाह इग्जामिनर के विरुद्ध न्यायालय की शरण ले सकती हैं।अगर बोर्ड कोई कार्रवाई नहीं करेगा।छात्रा का आरोप है कि इस तरह की लापरवाही क्षम्य नही है की इस तरह से गलत कॉपी जांच कर नंबर दिया जाय।डीएवी रिहंद के प्राचार्य राजकुमार ने कहा कि इस तरह की गलती सीबीएसई बोर्ड में होती नही लेकिन जिस इग्जामिनार के द्वारा ऐसा किया गया है, बोर्ड उन्हें अवश्य दंडित करेगा।उन्होंने यह भी कहा की अगर बढ़ाए गए नंबर से अभी भी संतुष्ट नहीं तो बढ़े हुए रिजल्ट की कापी लगाकर फिर से चुनौती दे सकते हैं।