बीजपुर (रामबली मिश्रा)
बीजपुर। जरहा वन रेंज क्षेत्र अंतर्गत नकटू चेकपोस्ट के पास रेनुकूट बीजपुर सड़क मार्ग किनारे जंगल की जमीन में अबैध कब्जा अभियान जनचर्चा का विषय बना हुआ है।बताया जाता है कि नकटू चेकपोस्ट के पास ओबरा निवासी व्यक्ति और उनके एक सहयोगी द्वारा सुरक्षित वनभूमि को धारा 20 में पहले सड़क किनारे वन क्षेत्र में हाइवा से गिट्टी बालू भस्सी का स्टॉक बनाया गया फिर लगभग 25 से 30 फिट लम्बाई चौड़ाई में टीनशेड लगा कर स्टोर नुमा घर बना कर कब्जा करने से ग्रामीणों में आक्रोश ब्याप्त है। जनचर्चा पर गौरकरें तो बीजपुर क्षेत्र में अधिकांश वन भूमि पर पहले टीन टप्पर झोपड़ी त्रिपाल आदि के सहारे घेरा किया जाता है।उसके बाद बाहर में कुछ सामान रखना शुरू होता है फिर वक्त और समय के हिसाब से धीरे धीरे पक्का मकान बना कर लाखों की प्रॉपर्टी बना ली जाती है।वह चाहे बाजार के उत्तर पटरी की विवादित जमीन पर बने सैकड़ो मकान हो या गाँवो में जंगल किनारे खाली पड़ी जमीन हो कब्जेदार वन महकमे की मिली भगत से अब तक कई एकड़ जंगल की जमीन को कब्जा कर पक्का मकान बना लिए हैं, या फिर जोतकोड कर रहे हैं जो जंगल विभाग को खाली कराने के लिए आज भी शिरदर्द बना हुआ है।सूत्रों पर भरोसा करें तो यह नकटू में ताजा कब्जा अभियान वाले इस वनभूमि नम्बर में सैकड़ों एकड़ में दूर दूर तक हजारों पेड़ पौधे खड़े हैं, फिर वन महकमा ने यहाँ क्यों कब्जा करने दिया यह जनचर्चा का विषय बना हुआ है।वैसे भी जरहा वनरेंज क्षेत्र की नदियों से अबैध खनन हो या फिर कीमती पेड़ों का कटान या फिर राख बंधा किनारे पहाड़ कटिंग से वन कर्मी बराबर विवादों के घेरे में है।इस बाबत रेंजर राजेश सिंह ने कहा कि हमारा एक ठेकेदार हैं जो वन विभाग के लिए सुरक्षा पिलर की ढलाई करा रहा है बाद में हटा लेगा।जब कि सुरक्षा पिलर सिरसोती नर्सरी में या रेंज आफिस इंजानी में अथवा नकटू वन चेकपोस्ट के पास बने आवासीय कार्यालय व जायका कालोनी परिसर में बनाया जा सकता था बावजूद सड़क किनारे जंगल की जमीन पर निर्माण कार्य से वन महकमे के प्रति ग्रामीणों में संदेह पैदा कर रहा है।