अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) की प्रमुख क्रिस्टलिना जॉर्जीवा ने गुरुवार को कहा कि यूक्रेन एवं गाजा में युद्ध के झटकों और उच्च ब्याज दरों के बावजूद विश्व अर्थव्यवस्था आश्चर्यजनक रूप से मजबूत साबित हुई ,है लेकिन अब भी बहुत कुछ चिंता में डालने वाला है। जॉर्जीवा ने मुद्राकोष और सहयोगी संगठन विश्व बैंक की बैठक में संवाददाताओं से कहा, “विश्व स्तर पर महंगाई कम हुई है, लेकिन खत्म नहीं हुई है। इसके अलावा दुनियाभर में सरकारी कर्ज भी बढ़ता जा रहा है।”
बढ़ता सरकारी कर्ज है चुनौती
उन्होंने कहा कि अमेरिका में अप्रत्याशित रूप से मजबूत आर्थिक ग्रोथ का एक पहलू यह भी है कि महंगाई को नीचे लाने में उम्मीद से अधिक समय लग रहा है। जॉर्जीवा ने दुनिया भर में बढ़ते सरकारी कर्ज को लेकर आगाह करते हुए कहा कि पिछले साल यह वैश्विक आर्थिक उत्पादन का 93 प्रतिशत तक पहुंच गया। उन्होंने देशों से अधिक कुशलता से कर संग्रह करने और सार्वजनिक धन खर्च करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, “ऐसी दुनिया में जहां संकट आते रहते हैं, देशों को अगले झटके के लिए तैयार रहने के लिए तत्काल राजकोषीय मजबूती लाना चाहिए।”
इस साल 3.2% से बढ़ेगी ग्लोबल इकॉनमी
एक दिन पहले ही मुद्राकोष ने उम्मीद जताई थी कि वर्ष 2024 में वैश्विक अर्थव्यवस्था 3.2 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। इसके अलावा वर्ष 2025 में भी यही वृद्धि दर रहने का अनुमान जताया गया है। जॉर्जीवा ने कहा कि सुस्त वैश्विक वृद्धि का एक कारण उत्पादकता में निराशाजनक सुधार है। उन्होंने कई देशों में कार्यबल की बढ़ती उम्र को भी इसके लिए जिम्मेदार बताया। उन्होंने कहा कि देश लालफीताशाही को कम करके और अधिक महिलाओं को रोजगार देकर अपनी अर्थव्यवस्थाओं की मदद कर सकते हैं।