नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को पटियाला हाउस कोर्ट में बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ नाबालिग महिला पहलवान के आरोपों की जांच के मामले में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की. दिल्ली पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ ‘पॉक्सो की धारा के तहत अपराध का संकेत देने’ के लिए ‘कोई पुख्ता सबूत नहीं मिला है’ और पटियाला हाउस कोर्ट से पॉक्सो मामले को रद्द करने की सिफारिश की. इस मामले में सुनवाई की अगली तारीख 4 जुलाई है. केस रद्द करने की रिपोर्ट उन मामलों में दायर की जाती है जब जांच में कोई पुष्टिकारक साक्ष्य नहीं मिलता है.
दिल्ली पुलिस की पीआरओ सुमन नलवा ने कहा कि बृजभूषण शरण सिंह के चिालाफ POCSO मामले में, हमने कथित पीड़िता और उसके पिता के बयान के आधार पर केस रद्द करने की रिपोर्ट अदालत में दायर की है. वहीं 6 महिला पहलवानों द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर में जांच पूरी होने के बाद दिल्ली पुलिस ने राउज एवेन्यू कोर्ट में बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आईपीसी की धाराओं 354 (महिला का शील भंग करने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल प्रयोग), 354A (अश्लील टिप्पणी करना), 354D (पीछा करना) के तहत चार्जशीट दायर की है. वहीं, पूर्व डब्ल्यूएफआई सहायक सचिव विनोद तोमर के खिलाफ आईपीसी की धाराओं 109/354/354A/506 के तहत चार्जशीट दायर की है.
दिल्ली पुलिस ने अदालत से कहा कि पूरी चार्जशीट है, कुछ भी सीलकवर नहीं है. पेनड्राइव भी साथ है. इस मामले में अगली सुनवाई अब 22 जुलाई को होगी. ओलंपियन पहलवान साक्षी मलिक, बजरंग पुनिया और विनेश फोगट, जो डब्ल्यूएफआई प्रमुख के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने वाले एथलीटों में शामिल थे, ने इस महीने की शुरुआत में गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी और केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के साथ भी बातचीत की थी. सरकार ने पहलवानों को आश्वासन दिया था कि भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के निवर्तमान प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ 15 जून तक आरोप पत्र दायर किया जाएगा, जिसके बाद उन्होंने अपना विरोध प्रदर्शन अगले फैसले तक स्थगित कर दिया था.
पहलवानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान जंतर-मंतर पर दिल्ली पुलिस के साथ हाथापाई और उत्तराखंड के हरिद्वार में हर की पौड़ी गंगा घाट पर नाटकीय दृश्य सहित कई घटनाएं देखी गईं. पहलवान बृजभूषण के खिलाफ विरोध के रूप में अपने पदक विसर्जित करने हरिद्वार गंगा घाट पहुंचे थे, लेकिन आखिरी क्षणों में उन्हें किसान नेताओं द्वारा ऐसा करने से रोक दिया गया था. अब जब बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ POCSO केस रद्द करने की मांग को लेकर दिल्ली पुलिस ने पटियाला हाउस कोर्ट में कैंसिलेशन रिपोर्ट दायर की है, तो अगर यह मांग स्वीकार कर लिया जाता है तो WFI प्रमुख के लिए चीजें आसान हो जाएंगी.
अब बृजभूषण शरण सिंह जिस मामले में चार्जशीट दायर हुई है, उसमें अग्रिम जमानत की मांग कर सकेंगे. वह संभवतः यह तर्क दे सकते हैं कि चूंकि जांच के दौरान उनको गिरफ्तार नहीं किया गया है, इसलिए वह जमानत के लिए आवेदन कर सकते हैं. बृजभूषण शरण सिंह, भाजपा सांसद भी हैं. गत 11 जून को उन्होंने बयान दिया था कि वह 2024 का लोकसभा चुनाव कैसरगंज से फिर से लड़ेंगे. उनके खिलाफ विरोध करने वाले पहलवानों ने 10 जून को कहा था कि बृजभूषण यौन उत्पीड़न पीड़ितों को दबाव में लाने के लिए अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर रहे हैं और उन्हें अपने बयान बदलने के लिए मजबूर कर रहे हैं. पहलवानों ने 15 जून तक भाजपा सांसद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई नहीं होने पर फिर से आंदोलन शुरू करने की धमकी भी दी थी.
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FIRST PUBLISHED : June 15, 2023, 12:29 IST