जयपुर. राजस्थान में आईपीएल की तर्ज पर होने वाली आरपीएल यानि राजस्थान प्रीमियर लीग टी-20 के मकाबलों में अब एक नया बदलाव हुआ है. 27 अगस्त से शुरू होने वाले आरपीएल मुकाबलों में अब 34 मैचों के बजाय केवल 19 मुकाबले ही खेले जाएंगे. टीमों की फ्रेंचाइजी के बजाय अब यह आयोजन स्पॉन्सरशिप मॉडल के आधार पर किया जाएगा जिसे आरसीएल अपने स्तर पर आयोजित कराने जा रहा है. आरपीएल की तैयारियों के दौरान अचानक से हुए इतने बड़े बदलावों को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं. आरपीएल में पहले टेंडर विवाद और इसके बाद लाइव ब्रॉडकास्टर नहीं मिलने की वजह से आयोजन की तिथियों में बदलाव किया गया है. इसके साथ ही नीलामी में ऊंची बोली लगाने के बाद टीम की फ्रेंचाइजी नहीं मिलने से मामला कोर्ट में है. इस पर आरसीए को 24 अगस्त को कोर्ट में जवाब पेश करना है.
फ्रेंचाइजी से स्पॉन्सरशिप में हुए बदलाव को लेकर आरसीए के सचिव भवानी सामोता ने न्यूज18 राजस्थान से बातचीत करते हुए बताया कि सामान्य तौर पर बीसीसीआई को पैंतालीस दिन पहले सारी सूचनाएं देनी होती हैं. जो फ्रेंचाइजी है उनके बारे में जानकारी बीसीआई की एसीई यूनिट की जांच के बाद उसे फिट या जेनुअन माना जाता है. इसमें हो रही देरी की वजह से बदलाव किया गया है. इसलिए अब फ्रेंचाइजी की बजाय टीमों को स्पॉन्सरशिप मॉडल पर शुरू किया गया है. हालांकि खिलाड़ियों के खर्चे यथावत रहेंगे.
सभी टीमें लीग मुकाबलों में सिर्फ एक मैच ही खेल पाएंगी
आरपीएल के पुराने शेड्यूल के मुताबिक प्रत्येक टीम के 2-2 मैच निर्धारित थे. लेकिन मुकाबलों में कटौती होने के साथ अब लीग मैच में हर टीम अपनी प्रतिद्वंदी के साथ केवल एक-एक मैच खेलेगी. इसके अलावा दिन में पहले की तरह दो मैच खेले जाएंगे. केवल उद्घाटन मैच और समापन के दिन एक-एक मैच होंगे. उद्घाटन जोधपुर स्टेडियम में और समापन जयपुर में होगा. पहला मैच शाम 4 से 7.30 बजे तक, दूसरा मैच शाम 8 से 11.30 बजे के बीच खेला जाएगा. प्रतियोगिता को लेकर आरसीए ने 21 कमेटियों का भी गठन किया है. इसमें बांसवाड़ा जिला क्रिकेट संघ सचिव मनीष देव जोशी को टिकट इंचार्ज कमेटी का सदस्य बनाया गया है.
फ्रेंचाइजी मॉडल में देरी के कारण लिया गया फैसला
राजस्थान प्रीमियर लीग के अध्यक्ष और आरसीए उपाध्यक्ष रामपाल शर्मा ने बताया कि अगले सीजन में टीमों की फ्रेंचाइजी कंपनियों के पास रहेगी. पहला संस्करण आरसीए के द्वारा ही कराया जाएगा. दूसरे संस्करण में फ्रेंचाइजी खरीदने वाली कंपनी ही प्रतियोगिता का आयोजन करेगी. उसमें कंपनियां एक स्पांसर की तरह न होकर मालिक की तरह रहेंगी. इसके अलावा खिलाड़ियों की नीलामी के बाद उनको भुगतान भी कंपनियां ही करेंगी. फ्रेंचाइजी मॉडल में देरी होने के कारण आरसीए को स्पॉन्सरशिप मॉडल पर संचालन करना पड़ रहा है.
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FIRST PUBLISHED : August 21, 2023, 18:25 IST