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Illegal liquor business in UP: लोकसभा चुनाव के दौरान शराब की डिमांड तो पहले से बढ़ जाती है ऊपर से अगर होली भी हो तो फिर धंधेबाजों की चांदी हो जाती है। यही वजह है कि धंधेबाजों ने बड़े पैमाने पर कच्ची शराब को खपाने की तैयारी शुरू कर दी है। वहीं दूसरी तरफ पुलिस और आबकारी विभाग द्वारा नदी-नाला, ताल, जंगल और बाग के किनारे अवैध शराब के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है।
अभियान के दौरान अक्सर कारोबारी भाग जाते हैं लेकिन अब उनके भागने के बाद भी पुलिस छोड़ने वाली नहीं है। धंधेबाज नहीं मिले तो क्या हुआ जिस जमीन पर वह धंधा कर रहे हैं उसके मालिक के ऊपर केस दर्ज किया जा रहा है जिसके जमीन मालिक भी अपने प्रापर्टी पर शराब बनने और बिकने न दें। आबकारी की टीम ने चौरीचौरा और राजघाट पुलिस ने शराब विक्रेता के साथ ही कारोबारियों पर केस दर्ज किया है।
इसी क्रम में चौरीचौरा में आबकारी ने 22 लोगों पर केस दर्ज किया। इनमें किसान, स्कूल प्रबंधक और पूर्व प्रधान शामिल हैं। इन लोगों का अवैध शराब से नाता हो या न हो पर आबकारी टीम ने उनकी जमीन पर शराब बनने की वजह से गाटा नम्बर के आधार पर उनको नामजद किया है।
नहीं शामिल हैं तो उन्हें भी अब इस बात का ध्यान रखना होगा कि उनकी जमीन का इस्तेमाल कोई अवैध शराब बनाने और बेचने में न करे। इसी क्रम में राजघाट पुलिस ने राप्ती पुल से धंधेबाज को गिरफ्तार किया है। इसी पुल के नीचे पिछले दिनों शराब कारोबारियों ने पुलिस पर हमला भी किया था जिसमें हत्या के प्रयास का केस दर्ज किया गया था।