अभिनेता प्रभास अपनी गति से काम करना पसंद करते हैं। जहां बाकी एक्टर एक समय में कई फिल्मों में काम कर रहे होते हैं, वहीं वह एक समय पर सिर्फ एक ही फिल्म में काम करते हैं। आखिर क्यों बना रखा है उन्होंने यह नियम, जानते हैं प्रभास से। उनके स्टारडम से किसी को भी रश्क हो सकता है। ‘बाहुबली’ फिल्म को मिली अभूतपूर्व प्रतिक्रिया के बाद अभिनेता प्रभास पूरे भारत में एक सनसनी बन गए थे। यह एक ऐसी फिल्म थी, जिसे देश के लगभग हर हिस्से में सराहा गया। हालांकि उनकी हालिया रिलीज फिल्म ‘साहो’ को मिलीजुली प्रतिक्रियाएं मिली हैं, पर वह भी ‘बाहुबली’ की तरह बड़े बजट की कई भाषाओं में बनी फिल्म है। इतनी बड़ी फिल्मों में काम करने की अपनी कीमत होती होगी। 39 वर्षीय प्रभास बहुत कम फिल्मों में काम करते हैं। जहां उनकी पिछली फिल्म को बनने में पांच साल लगे थे, वहीं हालिया फिल्म को बनने में दो साल का समय लगा। तो क्या प्रभास इसी गति से काम करते रहेंगे? जानते हैं खुद प्रभास से:
क्या अलग-अलग क्षेत्रों के एक्टर्स के साथ काम करना और देश भर के दर्शकों को ध्यान में रखकर फिल्में बनाने का आइडिया भारतीय सिनेमा का भविष्य है?
हां, मुझे ऐसा लगता है। हमें ऐसी फिल्में बनानी चाहिए, जो देश के हर हिस्से के लोगों के लिए हों। ऐसी फिल्मों के जरिये ही हम ज्यादा से ज्यादा दर्शकों तक पहुंच सकते हैं। सिनेमा भी इसी तरह आगे बढ़ेगा।
क्या आपको लगता है कि बॉलीवुड में लोग हिंदी के अतिरिक्त बाकी भाषाओं में बनने वाली फिल्मों को लेकर अपनी अलग धारणा रखते हैं?
इस तरह की सोच हमेशा से रही है। हर क्षेत्र के दर्शकों को अपने क्षेत्र के एक्टर्स की आदत होती है। कुछ तो इंडस्ट्री में 20-30 साल से जमे हुए हैं। ऐसे में मिथक तो बनने ही हैं। पर मुझे ऐसा लगता है कि अगर कोई फिल्म अच्छी होगी, तो दर्शक उसे देखने जरूर जाएंगे। अगर ऐसा न हो रहा होता, तो हम नए अभिनेताओं और निर्देशकों को मौका पाते कभी न देखते। ऐसे कई मिथक तो फिल्म ‘बाहुबली’ ने ही तोड़े थे। इसी फिल्म ने ऐसी फिल्मों का चलन शुरू किया, जो देश के हर हिस्से के दर्शकों के लिए हों। भविष्य में भी ऐसी और फिल्में बनेंगी।
क्या अब आप बॉलीवुड फिल्मों में ज्यादा काम करने के लिए तैयार हैं?
हां, बिल्कुल। मैं बॉलीवुड में ज्यादा से ज्यादा काम करना चाहता हूं। इससे पहले मैं ऐसा नहीं कर पा रहा था, क्योंकि मैं पहले फिल्म ‘बाहुबली’ और फिर ‘साहो’ में व्यस्त था। बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री बहुत बड़ी है। तो आखिर क्यों न मैं इसमें काम करूं?
आप एक वक्त पर सिर्फ एक ही फिल्म में काम करते हैं। क्या इसे बदलना चाहेंगे?
मैं एक साल में कम से कम दो या हो सके तो इससे भी ज्यादा फिल्मों में काम करना चाहता हूं। पर ऐसा हो नहीं पाता। जिन फिल्मों को मैं चुनता हूं, अमूमन वे ऐसी होती हैं कि उन्हें बनने में काफी वक्त लगता है।
क्या आप कभी इस बात से परेशान होते हैं कि जहां आपके साथी कलाकार एक ही समय में कई प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे होते हैं, वहीं आप सिर्फ एक फिल्म में काम कर रहे होते हैं?
मैं इस तरह के नियमों में विश्वास नहीं रखता हूं। शायद यही वजह है कि मैं इतने सारे विज्ञापनों में काम करता हूं। मुझे अपनी गति से काम करना पसंद है। मैं यह तो नहीं जानता कि यह सही है या गलत, पर मैं ऐसा ही हूं।