घोरावल (विजय अग्रहरि)
घोरावल। घोरावल नगर में चल रहे श्रीमद्भागवत महापुराण सप्ताह ज्ञान यज्ञ एवं श्रीभागवतकथा के विश्राम दिवस पर शनिवार शाम प्रभु श्रीकृष्ण की लीलाओं की कथा सुनने के लिए श्रोताओं की भीड़ उम्र पड़ी।अयोध्या से आए पंडित विमल महाराज ने श्रीकृष्ण एवं सुदामा की मित्रता, सुदामा चरित्र एवं प्रभु से मथुरा में उनके मिलन का बड़ा ही मार्मिक, तथ्यपूर्ण व भावपूर्ण वर्णन एवं विश्लेषण कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।पं. विमल महाराज ने कहा कि ब्राह्मण समाज का सर्वश्रेष्ठ पथ प्रदर्शक होता है।ब्राह्मण का सबसे बड़ा कर्तव्य है धर्म और समाज की रक्षा। इसके लिए ब्राह्मण शास्त्र के साथ-साथ आवश्यकता पड़ने पर शस्त्र भी धारण करता है।ब्राह्मण को धर्म, समाज और आध्यात्म के प्रति समर्पित होना चाहिए।दया, करुणा, सेवा, परोपकार, दान, शिक्षा, यज्ञ को आत्मसात कर समाज के लिए प्रेरणा स्रोत बनना चाहिए।आज समाज में बहुत से ब्राह्मण विभिन्न व्यसनों एवं दुर्गुणों के कारण पतन की ओर बढ़ रहे हैं।भगवान श्रीकृष्ण के परम मित्र सुदामा ने ब्राह्मण समाज के सामने सर्वश्रेष्ठ उदाहरण प्रस्तुत किया।उनकी अनन्य भक्त से प्रभु उनके वश में हो गए। ब्रह्मज्ञानी सुदामा ने प्रभु से कभी कुछ नहीं मांगा, उन्होंने कभी लोभ नही किया।बड़े-बड़े ज्ञानी और तपस्वी परमात्मा से मिलने के लिए व्यग्र होते हैं, लेकिन परमात्मा का दर्शन दुर्लभ होता है।वहीं सुदामा से मिलने के लिए प्रभु श्री कृष्ण स्वयं व्याकुल हैं और और मथुरा में उनकी प्रतीक्षा करते हैं।शनिवार सुबह मुख्य यज्ञ आचार्य पंडित शिवम शास्त्री ने यज्ञ कराया और श्रद्धालुओं ने यज्ञ मंडप की परिक्रमा की इस अवसर पर नगर पंचायत अध्यक्ष सूरज श्रीवास्तव, कन्हैया सेठ, अशोक कुमार कृष्ण कुमार उमर, पूर्व अध्यक्ष राकेश कुमार इत्यादि मौजूद रहे।