घोरावल (विजय अग्रहरि)
घोरावल। विश्व वन्य जीव दिवस के अवसर पर रविवार को कैमूर वन्य जीव विहार क्षेत्र के घोरावल वन रेंज कार्यालय परिसर में “वन्य जीवों का संरक्षण संवर्धन एवं पर्यावरण” विषय पर गोष्ठी का आयोजन किया गया।गोष्ठी में वन्य प्राणियों की सुरक्षा के लिए ग्रामीणों को जागरूक किया गया और मानव व वन्य जंतुओं के बीच संघर्ष के विषय में तेंदुआ, भालू जैसे जंगली जीवों व मगरमच्छों से बचाव के लिए ग्रामीणों को जागरूक करते हुए उन्हें तमाम उपाय बताए गए थे।गोष्ठी में मौजूद ग्रामीणों को संबोधित करते हुए वन क्षेत्राधिकारी सुरजू प्रसाद ने कहा कि प्रति वर्ष 3 मार्च को विश्व वन्य जीव दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य वन्य जीवों की महत्ता लोगों को समझाना है।जीवन चक्र के लिए वनों का जितना महत्व है, उतना ही महत्व वन्य प्राणियों का है।मानव हस्तक्षेप के द्वारा आज लगभग 41 हजार से भी अधिक जीवों की प्रजातियां विलुप्त होने की कगार पर पहुंच गई है।चाहे वह जीव हो या पेड़-पौधे, सभी एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं।आज यदि वृक्ष हैं तो ही मानव और प्राणियों का जीवन संभव है।विलुप्त हो रही पशु-पक्षी, पेड़-पौधों की प्रजातियों से प्रकति का सन्तुलन बिगड़ा तो मानव जीवन अस्त-व्यस्त हो जाएगा। तब मानव के पास केवल पछतावा होगा।जंगली जीवों से सुरक्षा के सम्बंध में उन्होंने कहा कि जंगल के आस पास के गांवों में रहने वाले लोग रात्रि में सदैव सावधान रहें।रात में घरों में रहें और दरवाजे बंद रखें।जंगलों में और उसके आस पास जाने से बचें और यदि जंगल में अथवा जंगल के रास्ते जाना आवश्यक हो तो हमेशा समूह में ही जाएं।मवेशियों को भी सुरक्षित स्थानों पर रखें।उन्होंने कहा कि घोरावल के पश्चिमी क्षेत्र में तेंदुए, भालू जैसे जंगली जानवरों व मगरमच्छों से बचाव हेतु ग्रामीणों को जागरूक करने के लिए लगातार अभियान चलाया जाएगा।इस अवसर पर डिप्टी रेंजर अंजनि मिश्रा, ग्रीन फील्ड पब्लिक स्कूल के प्रधानाचार्य अनुराग पांडेय, व्यापार मंडल के महामंत्री अमरेशचंद्र, अधिवक्ता संतोष तिवारी, वन दारोगा अमलेश यादव, राजन मिश्रा, संतोष सिंह इत्यादि मौजूद रहे।