सोनभद्र (राजेश पाठक)
– 5-5 हजार रूपये अर्थदंड, अर्थदंड न देने पर एक-एक माह की अतिरिक्त कैद
– जेल में बिताई अवधि सजा में समाहित की जाएगी
सोनभद्र। अपर जनपद एवं सत्र न्यायाधीश/एफटीसी/सीएडब्ल्यू सोनभद्र परितोष श्रेष्ठ की अदालत ने गैंगस्टर एक्ट के मामले में सोमवार को सुनवाई करते हुए दोषसिद्ध पाकर दोषी सगे भाइयों मिथिलेश जायसवाल और व्यासजी जायसवाल को 4-4 वर्ष की कैद एवं 5-5 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई।अर्थदंड न देने पर एक-एक माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी।जेल में बिताई अवधि सजा में समाहित होगी।अभियोजन पक्ष के मुताबिक थानाध्यक्ष बीजपुर हरिश्चंद्र सरोज ने बीजपुर थाने में दी तहरीर में अवगत कराया था कि 30 सितंबर 2018 को पुलिस बल के साथ देखभाल क्षेत्र में था तो पता चला कि मिथिलेश जायसवाल और व्यासजी जायसवाल पुत्रगण विष्णुकांती जायसवाल निवासी सिरसोती, थाना बीजपुर, जिला सोनभद्र का एक सक्रिय गैंग है, जिसका मिथिलेश जायसवाल गैंग लीडर है।इनके विरुद्ध हत्या का मुकदमा विचाराधीन है।लोगों में भय पैदा कर आर्थिक लाभ हेतु कार्य करना इनलोगो का एकमात्र कार्य है।यहीं वजह है कि इनके विरुद्ध कोई भी मुकदमा लिखवाने अथवा गवाही देने की जुर्रत नहीं करता है।जिसकी वजह से इनका वर्चस्व कायम है।इस तहरीर पर 30 सितंबर 2018 को बीजपुर थाने में गैंगस्टर एक्ट में एफआईआर दर्ज किया गया था।विवेचना के उपरांत पर्याप्त सबूत मिलने पर विवेचक ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया था। इसी मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्को को सुनने, गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर गैग लीडर मिथिलेश जायसवाल और व्यासजी जायसवाल को 4-4 वर्ष की कैद एवं 5-5 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई।अर्थदंड न देने पर एक-एक माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी।अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक गैंगस्टर कोर्ट धनंजय शुक्ला एडवोकेट ने बहस की।