म्योरपुर (प्रभात मिश्रा)
– जनपद में तसर रेशम उत्पादन की अपार सम्भावना
– रेशम उत्पादन से कृषक अपनी आय कर सकते है चौगुनी
– एक जनपद एक उत्पाद के लिए तसर सर्वोत्तम विकल्प
म्योरपुर। ब्लाक के गोविन्दपुर स्थित बनवासी सेवा आश्रम के विचित्रा हाल में मंगलवार को केंद्रीय तसर अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान रांची व रेशम विभाग के संयुक्त तत्वावधान में तसर किसान मेले का शुभारंभ मुख्य विकास अधिकारी सौरभ गंगवार व अन्य अतिथियों के द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया।इस मौके पर सीडीओ ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि जनपद में पानी की कम उपलब्धता के कारण कृषि कार्य काफी जटिल है, वही वनों पर आधारित फसलों की ओर बढ़ हम प्रधानमंत्री जी के सपने को साकार कर सकते है।वनों की पर्यावरण की सुरक्षा के साथ हम किसानों की आय दो गुनी ही नही चार गुनी तक बढ़ा सकते है।
इस कार्य मे तसर रेशम उत्पादन से लेकर कताई व बुनाई भी स्थानीय स्तर पर किया जा सकता है।रेशम की मांग आज वैश्विक बाजार तक है।तसर के अतिरिक्त मलवारी, अंडी व कोसा रेशम के उत्पादन की भी सम्भावनाये है।उन्होने कहा कि कृषको का प्रशिक्षण रेशम विभाग द्वारा तथा उपकरण औद्योगिक संस्थानों के सीएसआर से सुलभ कराए जाएंगे।किसान इनका उचित मार्गदर्शन ले अपनी आर्थिक उन्नति करें।उपजिलाधिकारी सुरेश राय ने किसानों को सम्बोधित करते हुए कहा कि वे रेशम उत्पादन के क्षेत्र में प्रशिक्षण प्राप्त कर अधिक से अधिक उत्पादन करे, आज विश्व भर के बाजार ऐसे उत्पादों के लिए खुले है।इस क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं है।बीएचयू के प्रोफेसर भूपेंद्र सिंह ने कहा कि रेशम उत्पादन हमारे देश का प्राचीन उद्योग रहा है, जिसका प्रमाण हमारी प्राचीन सभ्यताओं से मिलता है।रेशम के वस्त्र काफी लोकप्रिय व स्वास्थ्य के अनुकूल होते है इनकी मांग काफी है।आश्रम की मंत्री शुभा प्रेम ने रेशम विभाग, केंद्रीय रेशम बोर्ड के अधिकारियों का आभार प्रकट करते हुए कहा कि विभाग द्वारा किसानों को सुलभ कराई जा रही सुविधाओ व प्रशिक्षण से आदिवासी, अति निर्बल वर्ग की आय में निश्चित वृद्धि होगी तथा मुख्यमंत्री जी की एक जिला एक उत्पाद का रेशम विकल्प बन सकता है।इसके उत्पादन में मानवीय ऊर्जा का प्रयोग काफी महंगा साबित होता है वही खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग द्वारा मशीनीकरण की अनुमति नही है,आवश्यकता है सोलर पावर को इस दिशा में जोड़े जाने कि ताकि इसके उत्पादन की लागत घट सके।किसानों को केंद्रीय रेशम बोर्ड के निदेशक एनवी चौधरी, सहायक निदेशक रेशम रणवीर सिंह ने भी सम्बोधित किया।इस दौरान खंड विकास अधिकारी हेमन्त कुमार सिंह, सहायक विकास अधिकारी पंचायत काशी राम ठाकुर, सहायक विकास अधिकारी रेशम पंकज अग्रहरी समेत बड़ी संख्या में किसान मौजूद रहे।