म्योरपुर (प्रभात मिश्रा)
– श्री अन्न का उत्पादन सेहद और प्रकृति दोनों के लिए फायदेमंद
– बनवासी सेवा आश्रम में तीन दिवसीय प्राकृतिक खेती प्रशिक्षण आयोजित
म्योरपर। ब्लॉक के गोविंदपुर स्थित सामाजिक संस्थान बनवासी सेवा आश्रम के विचित्रा महाकक्ष में शुक्रवार को तीन दिवसीय प्राकृतिक खेती प्रशिक्षण शिविर का समापन हुआ।इस मौके पर प्राविधिक सहायक कृषि राणावीर सिंह ने आह्वान किया कि किसान भाई फसलों के नुकसान की भरपाई के लिए फसल बीमा जरूर कराए।कहा की प्रकृति में आ रहे बदलाव और अन्य कारणों से फसल का नुकसान हो जाता है, जिससे किसान की आर्थिक स्थिति बिगड़ जाती है।कहा ऐसे में बीमा जरूरी है।बीमा के दौरान यह ख्याल रखे कि जिस फसल का आप बीमा करा रहे हैं, वह फसल उस क्षेत्र में सफल है और क्षेत्र का बीमा कंपनी के सूची में नाम है कि नही।उन्होंने कृषि यंत्र, सोलर सिंचाई की विस्तृत जानकारी दी और बताया कि कृषि विभाग में बीज खाद से लेकर यंत्र और सिंचाई के यंत्रों पर भारी छूट है।इसके पूर्व किसानों को आश्रम में प्राकृतिक खेती की जानकारी शिवशरण सिंह द्वारा दिया गया और स्थलीय निरीक्षण कराकर कम्पोस्ट खाद, जैविक खाद, केचुआ खाद बनाने का प्रशिक्षण दिया गाय।देवनाथ सिंह द्वारा जमीन नापने और उसके सूत्र की जानकारी विस्तार से दी गई।बताया गया कि श्रीअन्न मोटे अनाज प्रकृति और सेहत दोनो के लिए लाभदायक है।श्रीअन्न जैविक हो तो उसकी कीमत भी अच्छी मिलती है।कार्यक्रम में सुरेश, देवमुनि, रामचरण, मीना समेत चार ब्लॉकों के लगभग 80 किसान उपस्थित रहे।