चोपन (मनोज चौबे)
चोपन। विधान सभा ओबरा के ग्राम पंचायत करगरा में निषाद पार्टी द्वारा आयोजित संवैधानिक मछुआ एससी आरक्षण जनसंपर्क अभियान सभा में पहुंचे निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मत्स्य विभाग के कैबिनेट मंत्री डॉ संजय निषाद का पार्टी पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने जोरदार तरीके से स्वागत किया।इस दौरान उन्होंने लोगो को संबोधित करते हुए कहा कि आगामी 13 जनवरी को लखनऊ के रमाबाई अंबेडकर रैली मैदान में पहुंच कर अपनी मांगों को जोरदार तरीके से उठाएं।उन्होंने कहा कि पूर्व की समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी की सरकारों ने मछुआ आरक्षण के मामले पर समाज को गुमराह करने का काम किया है तथा उत्तर प्रदेश में जब बहुजन समाज पार्टी की सरकार आती है तो मछुआ समाज की सभी उपजातियों को एससी से निकालकर पिछड़ी में डाल दिया जाता है।
इसी तरह जब समाजवादी पार्टी की सरकार आती है तो पिछड़ी से निकालकर अनुसूचित में डाल दिया जाता है। डॉ निषाद ने कहा कि आजादी से पूर्व 1931 से 1941 तक और आजादी के बाद भी साल 1951 से 1991 तक उत्तर प्रदेश में मछुआ समाज की सभी उपजातियों की गिनती मझवार और तुरैहा में कराई जाती रही है, लेकिन पूर्ववर्ती सरकारों ने मछुआ समाज के दोहन के लिए बिना संसद में संशोधन के मछुआ समाज की सभी उपजातियों को अनुसूचित से निकालकर पिछड़े में डाल दिया।सभी राजनीतिक पार्टियां इस मुद्दे पर सिर्फ वोट बैंक की राजनीति करती रही हैं।उन्होंने कहा कि राज्य सरकार और मुख्यमंत्री ने रजिस्ट्रार जनरल ऑफ़ इंडिया (आरजीआई) को मछुआ आरक्षण के संबंध में पत्र लिखकर जानकारी मांगी गई थी।आरजीआई ने पत्र के उत्तर में कहा है कि उत्तर प्रदेश में केवट, मल्लाह, बिंद समेत 17 जातियां मछुआ समाज की उपजातियां है।मछुआ समाज को कभी मत्स्य विभाग की योजनाओं का लाभ मिला ही नहीं।पूर्व की सरकारों नें मछुआ समाज को योजनाओ से वंचित रखा है।वर्तमान समय में प्रदेश में प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना, मुख्यमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना, किसान क्रेडिट कार्ड (मत्स्य पालन क्षेत्र में), निषाद राज बोट योजना, मछुआ कल्याण कोष, प्रधानमंत्री मछुआ बीमा योजना जैसी जनकल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही है। जिनका सीधा लाभ मछुआ समाज को मिल रहा है।इस मौके पर अमेरिकन बिंद, प्रदेश महासचिव दयाशंकर साहनी, प्रदेश सचिव संतोष साहनी, नगर पंचायत अध्यक्ष उस्मान अली, जिलाध्यक्ष अनिकेत निषाद, शिवमंगल धोबी, राजनारायण निषाद, संगठन जिलाध्यक्ष डॉ विजय साहनी, सुरेंद्र निषाद, नागेंद्र साहनी, फूलचंद चौधरी, पिंटू निषाद, विनोद चौधरी, राधारमन पांडेय, जितेंद्र निषाद सहित भारी संख्या में लोग मौजूद रहे।