म्योरपुर (प्रभात मिश्रा)
– किशोरो ने चार्ट पर बनाए अपनी सोच के माडल गांव, किया रेखांकित
– बनवासी सेवा आश्रम में तीन दिवसीय किशोर किशोरी सहजीवन शिविर का हुआ समापन
म्योरपुर। ब्लॉक के गोविंदपुर स्थित बनवासी सेवा आश्रम और मिशन समृद्धि चेन्नई के सहयोग से आयोजित तीन दिवसीय किशोर किशोरी सहजीवन शिविर का शनिवार को भाईचारा और गांवों को नशामुक्त बनाने के संकल्प के साथ समापन हुआ।किशोर किशोरियों ने अपने अनुभव रखा और कहा की यह जीवन के लिए बहुत ही प्रेरणा प्रद शिविर रहा।जिसमे सब लोग लड़का लड़की के भेदभाव भूल कर साथ रहे।भाई बहन का रिश्ता बना और 24 घंटे को किस तरह नियमबद्ध तरीके से व्यतीत करना है, इसकी सिख मिली।शिविर में शनिवार को श्री मोहन शुक्ल के गीत के साथ शुरुआत हुई।इसके बाद मध्यप्रदेश के उमरिया जिले से आए संदर्भ व्यक्ति गांधी विचारक लेखक संतोष दिवेदी ने बच्चों और किशोरों के अधिकार और कर्तव्य को लेकर चर्चा करते हुए कहा कि भारत का संविधान, संयुक्त राष्ट्र की संधि और भारत सरकार की नीतियां मिलकर एक बाल मित्र प्रणाली को विकसित करते हैं, जो बालकों को हर तरह संरक्षण प्रदान करती है।भारत का संविधान बच्चों के सर्वोत्तम हित में है, जो कहता है कि एक बच्चे के अधिकारों को कम नहीं समझना चाहिए।बालकों को स्वतंत्र एवं गरिमा में वातावरण में विकास के अवसर दिए जाने चाहिए और बालकों की शोषण से रक्षा की जानी चाहिए।कहा बालकों की सुकुमार अवस्था का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए, जबकि संयुक्त राष्ट्र की यूनाइटेड नेशन कन्वेंशन ऑफ द चाइल्ड राइट्स में 18 साल से कम उम्र के बच्चों को किशोर माना गया है।इस संधि के चार कलस्टर हैं जिसमें बच्चे के जीने के अधिकार, विकास का अधिकार, सुरक्षा का अधिक और भागीदारी का अधिकार निहित है।भारत सरकार ने इस संधि में 1992 में हस्ताक्षर किए, तब से भारत सरकार ने अपनी नीतियों में व्यापक बदलाव करते बालकों के सर्वोत्तम हित में महत्वपूर्ण कानून बनाए।इस दिशा में पीसीपीएनडीटी एक्ट, किशोर न्याय अधिनियम और लैंगिक अपराधों से बालकों के संरक्षण का अधिनियम मुख्य हैं।इसके बेहतर क्रियान्वयन के लिए किशोर न्याय बोर्ड, बाल कल्याण समिति और बाल गृहों की ढांचागत चतुर्भुज सुरक्षा व्यवस्था बनाई गई है।किशोरों ने चार्ट पेपर पर मेरा गांव कैसा हो चित्रण किया और उसका विश्लेषण भी किया।इस मौके पर शुभा प्रेम, विमल सिंह, देवनाथ सिंह, यश्वी पांडेय, रामजतन शुक्ल, प्रेमदयाल, मानमाती आदि मौजूद रहे।