म्योरपुर (प्रभात मिश्रा)
– खुद को बदलने और दिशा तय करने की उम्र है किशोरावस्था
– बनवासी सेवा आश्रम में तीन दिवसीय किशोर किशोरी सह जीवन शिविर शुरू
म्योरपुर। ब्लॉक की गोविंदपुर स्थित सामाजिक संस्थान बनवासी सेवा आश्रम में बृहस्पतिवार को तीन दिवसीय किशोर किशोरी सहजीवन आवासीय शिविर का उद्घाटन वरिष्ठ साहित्यकार अजय शेखर ने दीप प्रज्वलित कर किया।शिविर को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यह उम्र खुद को बदलने और आत्म निर्भरता व स्वावलंबन की राह दिखाता है।अच्छा करें और सबका आदर करते हुए समाज में भाईचारा बना रहे इसकी सोच पैदा करनी चाहिए।उन्होंने ने कहा कि पहले ज्ञान झोपड़ी में रहने वाले देते थे।जिसका अनुसरण कर राजा प्रजा की भलाई के लिए काम करते थे।आज ऐश्वर्य और दिखावापन के बीच ज्ञान का भंडार खुद की लड़ाई लड़ रहा है, और जब जिम्मेदार अधिकारी हो या नेता या कोई भी जब खुद की झोली भरने लगते हैं तो वह देश खुशहाल नही होता, बल्कि उस देश में गरीबी, बेरोजगारी और भुखमरी जन्म लेती है।मध्यप्रदेश के उमरिया से आए जाने माने समाजकर्मी, गांधी विचारक, लेखक संतोष द्विवेदी ने कहा कि शिशु, बाल्यावस्था के बाद किशोर उम्र में शारीरिक मानसिक परिवर्तन आता है।यह जीवन का अहम पड़ाव होता है।जब हम खुद के और घर परिवार के बारे में सोचने लगते है, कुछ जिम्मेदारियां समझने लगते है और निर्णय भी लेने लगते है।इस उम्र में जो आप का जीवन का लक्ष्य होता है वह शुरू होने लगता है ऐसे में अच्छा बनने जीवन का लक्ष्य निर्धारित करने के लिए अच्छी सोच पैदा करें।किताबे पढ़े, छोटे-छोटे काम जो आप से संभव है उसे जरूर करें।कपड़ा खुद धोए पानी खुद लेकर पिएं, सफाई करें और पढ़ाई के साथ घर पर अध्ययन करने की आदत डाले, तो आप का आने वाला जीवन आसान होगा।शिविर में चोपन, कोन, दुद्धी, म्योरपुर व बभनी के लगभग 80 छात्र प्रतिभाग कर रहे है।प्रशिक्षक श्रीमोहन शुक्ल, रामजतन शुक्ला और प्रेमदयाल ने बताया कि शिविर में खेल गीत, नुक्कड़ नाटक, गांव की समस्याओं पर अध्ययन के साथ श्रम के प्रति निष्ठा पैदा करने के लिए श्रमदान जैसे विषय शामिल है।जिससे किशोरों का व्यक्तित्व विकास हो।इस मौके पर यश्वी पांडे, मीना, अमरजीत वर्मा आदि उपस्थित रहे।