रेणुकूट(अमिताभ मिश्र)
रेणुकूट। प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी हिण्डाल्को में अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस उत्साह के साथ मनाया गया। मानवीय सम्मान और अधिकारों को समर्पित मानवाधिकार दिवस पर आयोजित इस कार्यक्रम की शुरुआत हिण्डाल्को में दीप प्रज्ज्वलन व आदित्य वंदना के साथ की गई। कार्यक्रम में मौजूद हिण्डाल्को के सीओओ एन. नागेश ने मानवाधिकारों के महत्व पर प्रकाश डाला।
मंच संचालन कर रहे ईआर विभाग के वरिष्ठ अधिकारी सुशील ब्रह्मचारी ने सभी को मानवाधिकार की शपथ दिलवाई तथा उसकी रुपरेखा प्रस्तुत की। मानवाधिकार के इतिहास को बताते हुए उन्होंने वर्तमान में इसकी प्रासंगिकता को भी दर्शाया।
कार्यक्रम में मौजूद सहकर्मियों एवं वरिष्ठ अधिकारियों समेत ऑनलाइन माध्यम से जुड़े कर्मियों ने भी अपनी सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित की। कार्यक्रम के मध्य में वीडियो के माध्यम से मानवाधिकार की समझ को और अधिक विकसित करने का प्रयास किया गया। वहीं इस अवसर पर एन. नागेश के कहा कि यह दिवस हर साल दस दिसम्बर को मनाया जाता है और इसका मुख्य उद्देश्य मानवता, न्याय, समानता और मानवीय अधिकारों को बढ़ावा देना है। मानवाधिकार दिवस समाजिक न्याय और नैतिकता का महत्त्वपूर्ण सन्देश देता है जो हमें यह सिखाता है कि प्रत्येक व्यक्ति को एक-दूसरे के अधिकारों का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हिण्डाल्को में हम मानवाधिकार सम्मान की परिपाटी को हमेशा से साथ लेकर आगे बढ़े हैं और आगे भी इसे मजबूती से जारी रखेंगे।
वहीं मानव संसाधन विभाग की वरिष्ठ अधिकारी वनिता वासनिक ने मानवाधिकार दिवस का महत्व बताते हुए कहा कि मानवीय सम्मान, न्याय, समानता और स्वतंत्रता हर व्यक्ति के जीवन का मूल होना चाहिए। इस दिन को मनाने का मकसद हमें यह याद दिलाना है कि हर मनुष्य को गर्व के साथ उनके अधिकारों को उठाने और समर्थन करने का हक़ है। उन्होंने कहा कि मानवाधिकार जागरुकता हेतु यह पूरा हफ्ता मानवाधिकार सप्ताह के रूप में मनाया जाएगा जिसके अंतर्गत विभिन्न प्लांटों के एच आर प्रभारी अपने-अपने क्षेत्र में गोष्ठी, रैली, नुक्कड़ नाटक आदि के जरिये मानवाधिकार जागरुकता फैलाने का प्रयास करेंगे। कार्यक्रम का समापन मानवाधिकार लिखी तख्ती के जरिये प्रतीकात्मक संदेश देने हेतु आकाश में गुब्बारे उड़ा कर किया गया। इस अवसर पर अन्य वरिष्ठ अधिकारियों समेत मान्यता प्राप्त यूनियन के पदाधिकारी उपस्थित रहे।