ओबरा (पीडी राय/सौरभ गोस्वामी)
ओबरा। डॉ भीमराव अंबेडकर की पुण्यतिथि पर राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय ओबरा में बुधवार को प्राचार्य प्रमोद कुमार की अध्यक्षता में श्रद्धासुमन अर्पण के साथ लघु संगोष्ठी का आयोजन किया गया।संगोष्ठी में भारत रत्न डा. अम्बेडकर के संघर्षों व उनके देश के प्रति समर्पण की विस्तृत चर्चा की गयी।अपने सम्बोधन में प्राचार्य प्रो. प्रमोद कुमार ने कहा कि संविधान निर्माता के रूप में डा. अम्बेडकर की वैश्विक पहचान के साथ ही सामाजिक समता के प्रति उनकी चेतना की भावना को लेकर भी है। वर्तमान में अन्तर्राष्ट्रीय जगत पर इनकी पहचान है और इनका शैक्षिक स्तर उत्कृष्ट होने के साथ ही समाज के लिए प्रेरणादायी हमेशा रहेगा।आज लोगों को डा. अम्बेडकर के विचारों को सम्पूर्ण समझने की आवश्यकता है। राजनीति विज्ञान के अध्यक्ष डा. महेन्द्र प्रकाश ने बताया कि डा. अम्बेडकर सच्चे राष्ट्र निर्माता के तहत जाने जाते हैं।उनकी आधी आबादी के प्रति प्रगतिशील विचार आज महिला अधिकार के रूप में दिखलायी देते हैं। आर्थिक प्रगति के मायने को स्थापित करने में भी डा. अम्बेडकर ने सक्रिय भूमिका निभायी है।कार्यक्रम में बोलते हुए एनएसएस के प्रभारी एवं संचालक डा. संतोष कुमार सैनी ने कहा कि डा. अम्बेडकर सभी के आदरणीय हैं, उनके रास्ते संघर्षमय रहे लेकिन आत्मविश्वास में कमी कभी नहीं देखने को मिलती है।उन्होंने आजीवन स्वतन्त्रता, समानता और भाईचारे को जीवनशैली में उतारने की वकालत की।यदि हम डा. अम्बेडकर का अनुसरण करें तो यही हमारी उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।कार्यक्रम में वरिष्ठ प्रोफेसर राधाकान्त पाण्डेय, डा. विकास, डा. उपेन्द्र, डा. आलोक, राजेश प्रसाद, डा. अमूल्य सिंह, डा. विभा, डा. बीना यादव, डा. विजय, डा. महीप, डा. वैशाली शुक्ला, डा. संघमित्रा, अंजलि मिश्रा व तुहार मुखर्जी के साथ कार्यालय अध्यक्ष प्रमोद केशरी व भारी संख्या में छात्र छात्रा उपस्थित रहे।