चोपन (मनोज चौबे)
चोपन। नगर में रोजाना सैकड़ो टन कूड़ा निकलता है। घरों से लेकर, बाजारो, दुकानों, मिलो, ऑफिस आदि जगहों से कूड़ा इकट्ठा होकर एम आर एफ सेंटर जाता है जहा कूड़े को प्रोसेस किया जाता है जिससे कि इसका सही निपटारा हो सके परंतु कुछ कूड़ा ऐसे होते है जिसका निपटारा सेंटर पर नहीं हो पाता है जिसके निपटारे के लिए कंपनी ने नगर के कूड़े को जबलपुर के वेस्ट टू एनर्जी प्लांट में भेजने का निर्णय लिया है।शुक्रवार को कूड़े से लोड वाहन को नगर पंचायत के अध्यक्ष उस्मान अली व अधिशाषी अधिकारी देवहूति पांडेय ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।इस दौरान उन लोगो ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत जहां देशभर के शहरों ने अपशिष्ट प्रबंधन और स्रोत पृथक्करण के माध्यम से कचरा खत्म करने पर ध्यान केंद्रित किया, वहीं इन प्रयासों के बीच अपशिष्ट को अनेको प्रकार के कार्यों में लिया जा सकता है।हालांकि इस दौरान विभिन्न शहरी स्थानीय निकाय कचरे को ऊर्जा में परिवर्तित करने के लिए कई तरह के इनोवेशंस पर काम कर रहे है।अब हम विकसित देशों की तरह कचरे से ऊर्जा उत्पादन करने की दिशा में भी अग्रसर हैं।वही नगर पंचायत चोपन में कचरे की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है।पूरे नगर का कचरा उठाकर प्रितनगर गढ़हिडीह स्थित सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट में डंप तो कर दिया जाता है लेकिन यहां इस कचरे को पूरे तरीके से मैनेज नही हो पाता है तो इको गेटवे प्रा. लिमिटेड प्रयागराज की कंपनी के संयुक्त प्रयास से नगर का प्लास्टिक/आर डी एफ कचड़ा वेस्ट टू एनर्जी प्लांट जबलपुर मे भेजने की योजना बनाई है जिससे इस कचरे को अनेक प्रकार के कार्यों में उपयोग किया जा सके।कचरा प्रबंधन करने वाली इको ग्रीन एनर्जी कंपनी के अधिकारियों का दावा है कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेशों के अनुसार कूड़े की न केवल छंटनी करनी है बल्कि इसका निस्तारण भी करना है।इस दौरान लिपिक अंकित पांडेय, कंपनी के निदेशक अंशुमान सिंह तथा प्रोजेक्ट हेड राजेंद्र अग्रहरि, धर्मेंद्र अग्रहरि, अनीश अहमद, संजय शर्मा, रंजीत पासवान इत्यादि लोग उपस्थित रहे।