म्योरपुर (प्रभात मिश्रा)
म्योरपुर। ब्लॉक के सांगोबांध ग्राम पंचायत की जल प्रबंधन समिति से जुड़े दर्जन भर किसानों का एक दल आठ दिनों की जैविक, प्राकृतिक खेती के साथ ग्रामोद्योग, खादी आदि विषय के अध्ययन के बाद शनिवार की सुबह वापस लौट आया।नाबार्ड लखनऊ और बनवासी सेवा आश्रम के सहयोग से किसानों ने इंजीनियर सुभाष चंद्रा और सामाजिक कार्यकर्ता रमेश यादव के नेतृत्व में यवतमाल में देश के चर्चित जैविक खेती विषेषज्ञ सुभाष शर्मा के द्वारा किए जा रहे खेती देखी और उनसे बातचीत कर जानकारी ली।किसान हिरामन, सुग्रीव आदि ने बताया कि जैविक खेती के लिए दो फीसदी जमीन में पशुपालन तीन फीसदी में जल प्रबंधन और 30 फीसदी जमीन में फलदार पौधरोपण और 65 फीसदी में खेती करते है, और 16 एकड़ जमीन में प्रति वर्ष 35 लाख का उत्पादन कर अच्छा मुनाफा कमाते है।किसानों ने वहां की मिट्टी और उपज का तुलनात्मक अध्ययन के साथ वर्धा जिले में कई किसानों और संस्थाओं में घूमकर खेती के साथ पशुपालन, ग्रामोद्योग, खादी कपड़ा निर्माण और घरेलू उत्पाद अचार, साबुन, निर्माण, बिस्किट निर्माण के जरिए स्वावलंबी बनने का अध्ययन किया।टीम में आश्रम के प्रबंधक विमल कुमार सिंह, जल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष रामलखन कोरवा, कलेश अमृतलाल, उमेश आदि शामिल रहे।