विंढमगंज (वीरेंद्र कुमार)
विंढमगंज। स्थानीय थाना क्षेत्र के राजा बरियार शाह खेल मैदान महुली में चल रहे श्रीरामलीला के आठवें दिन बड़े ही मार्मिक प्रसंगों का मंचन किया गया।रामलीला समिति के कलाकारों ने विभिन्न किरदारों के रूप में दर्शकों से खूब वाहवाही लूटी।रामलीला के प्रारम्भ में प्रभु श्रीराम, सीता तथा लक्ष्मण के साथ दण्डक बन में निवास अवधि में ब्रह्मा पुत्र जयंता आकाश मार्ग से भ्रमण कर रहा था उसी समय उसकी कुदृष्टि माता सीता पर पड़ी।तब उसने कौए का रूप धारण कर माता के पैरों पर अपनी चोंच से प्रहार करता है।तब प्रभु श्रीराम अग्निबाण उस पर फेंक देते हैं जिससे उसका पूरा शरीर झुलसने लगता है।अपने बचाव के लिए ब्रह्मा, विष्णु पुनः शंकर के पास जाता है किंतु किसी से भी मदद नही मिलने पर उसकी मुलाकात देवर्षि नारद से होती है।देवर्षि नारद कहते हैं कि यह तो रामबाण है।प्रभु श्रीराम ही तुम्हे बचा सकते हैं।थक हार कर जयंता श्रीराम की शरण में जाता है।
रामलीला के अन्य दृश्यों में शूर्पणखा जब श्रीराम तथा लक्ष्मण के मनोहर रूप को देख मोहित हो जाती है और श्रीराम से विवाह का प्रस्ताव रखती है।श्रीराम के इंकार करने पर लक्ष्मण के पास जाती है परन्तु उनका उग्र रूप देख माता सीता को नुकसान पहुँचाने हेतु राक्षसी का रूप धारण कर ज्यों ही सीता की ओर झपटती है तभी लक्ष्मण अपने तीब्र बाणों से उनके नाक और कान काट लेते हैं।कटी नाक लेकर सूर्पनखा रावण के दरबार में पहुँचती हैं तथा आपबीती सुनाते हुए कहती है भइया “मेरी नाक कटी तो कटी, अब अपनी नाक बचाओ तुम”।यह सुनकर रावण अति क्रोधित हो उठता है और अपने मामा मारीच की मदद से माता सीता को हर कर लंका ले आता है।इसके साथ अनेक कौतुहल भरे चरित्रों ने रामलीला प्रेमियों को आनन्दित करते रहा।इस अवसर पर रामलीला समिति के अध्यक्ष अरविन्द जायसवाल, वीरेंद्र कन्नौजिया, अमित कुमार, विवेक कन्नौजिया, विकास कन्नौजिया, अमानुल्लाह सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे।