बभनी (चन्द्रसेन पांडेय)
बभनी। असनहर में चल रहे रामलीला के दूसरे दिन श्री राम जन्म की लीला का सफल मंचन किया गया।श्रीराम जन्म की रामलीला देखने आए दर्शक भक्ति सागर में डूब गए।जय श्री राम जय श्री राम के स्वरों से वातावरण गुंजायमान हो उठा।वहीं महिलाओं ने रामजन्म की खुशी में खूब सोहर गीत गाईं।मंच पर मौजूद कलाकारों से लेकर दर्शक तक झूम उठे।लोगों ने जमकर आतिशबाजी भी की। राजा दशरथ के महल में बाजे-गाजे के साथ खुशियां मनाते कलाकार सभी का दिल जीत रहे थे।यही नहीं अयोध्या के घर-घर में बधाई गीत मधुर ध्वनि वातावरण में गूंज रही थी।कलाकारों ने राम जन्म का ऐसा सुंदर मंचन किया कि हर किसी ने उनकी अदाकारी की तारीफ की।अयोध्या नरेश दशरथ इस बात से दुखी थे कि उनके जीवन का चौथापन आ चुका है।मगर वह साम्राज्य को कोई वारिस नहीं दे सके थे।व्याकुल हो वह कुल गुरु वशिष्ठ के पास गए।उन्होंने उन्हें पुत्रेष्टि यज्ञ करने की सलाह दी।यज्ञ कराने को वह श्रृंगि ऋषि को आमंत्रित करते हैं।यज्ञ के बाद रानी कौशल्या के समक्ष दीनों पर दया करने वाले मुनियों के मन हरने वाले अपने अद्भुत रूप में प्रगट हुए।परमानंद के रूप को देख माता कौशल्या जड़ जैसी हो गईं।श्री राम जन्म का दृश्य प्रस्तुत होने पर दर्शकों की श्रद्धा उमड़ आई।सैकड़ों की संख्या में लोग उनके बाल रूप के दर्शन के लिए मंच के चारों ओर एकत्र हो गए।लोगों ने उस बालक पर पुष्पवर्षा भी की।इस मौके पर मुटकधारी कुशवाहा, कृष्ण कुमार, अनिल कुमार, गणेश कुशवाहा, छोटेलाल, श्यामजी, रमेश कुमार, प्रदीप कुमार, रत्नेश कुमार सहित सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।