म्योरपुर (प्रभात मिश्रा)
– चिकित्सा और समाज सेवा के लिए जीवन को समर्पित किया रागिनी ने
म्योरपुर। ब्लॉक के गोविंदपुर स्थित बनवासी सेवा आश्रम के बिचित्रा महा कक्ष में मंगलवार को आश्रम की सचिव रही प्रसिद्ध चिकित्सक और सोनभद्र की मदर टेरेसा कहे जाने वाली डा. रागिणी के जन्म दिन पर प्रेरणा स्थल पर सर्व धर्म प्रार्थना के साथ गोष्ठी का आयोजन कर उनके कार्यों और सादगी भरे जीवन को याद कर उनके पद चिन्हों को अनुसरण करने का संकल्प लिया गया।कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए साहित्यकार अजय शेखर ने कहा कि रागिणी प्रेम गांधी के पद चिन्हों पर चलने वाली असली सनातनी थी।कहा की सनातन का मतलब सत्यम,शिवम सुंदरम, जिसमे दूसरो का कल्याण निहित हो।लेकिन झूठे और पाखंडी लोग भी खुद को सनातन बताने लगते है जिनके अंदर झूठ कपट भरा हो तो दुःख होता है।कहा की हम सबको उनके उच्च विचार और सादगी के साथ समर्पण भरे जीवन से सिख लेना चाहिए।भारत दुनिया में अग्रणी है और रहेगा इसका मूल मंत्र है की देश सनातन के पथ पर चल कर दूसरो के लिए प्रेरणा स्रोत है।एक पत्रिका की संपादक रही गांधी वादी पुतुल ने कहा कि रागिनी का मानना था की खुद के संसाधनों के बल पर जो महिला स्वावलंबी बन जाए तो वह सशक्ति करण में अग्रणी हो जाएगी।लाल बहादुर सिंह ने कहा कि डा रागिनी एम डी की पढ़ाई करने के बाद भी घरेलू दवा को महत्व देती थी।उन्होंने 1967 से लेकर 2014 तक जीवंत पर्यंत क्षेत्र की महिलाओ के स्वास्थ्य,शिक्षा और पर्यावरण सरंक्षण के लिए काम किया वह कठिन दौर था फिर भी अभाव ग्रस्त क्षेत्र में चुनौती पूर्ण कम किया।इंदुबाला देव नाथ सर्वजीत सिंह ने जगत नारायण विश्वकर्मा, गंगा राम, देव कुमारी ने विचार रखे।कहा की उनके साथ काम करते हुए मां जैसा प्यार मिला।मौके पर विमल सिंह, वीरेंद्र राय, माया सिंह, अभिनव, सीता देवी, यश्वी पांडेय, गिरधारी, जमुना, बिहारी, विजय कनौजिया, प्रमोद शर्मा, पूजा विश्वकर्मा, संगीता, राम सुभग आदि उपस्थित रहे।