विंढमगंज (वीरेंद्र कुमार)
विढमगंज। झारखंड व छत्तीसगढ़ के बॉर्डर के भूमफोर जंगलों से लगे ग्राम पंचायत बरखोरहा व छतवा गांव से सटे झारखंड राज्य के धुरकी थाना अंतर्गत ग्राम कदवा उर्फ लिखनीधौरा पंचायत-भंडार में वैसे तो एक पखवाड़े से हाथीयो के झुण्ड ने दस्तक दे दी है लेकिन दिन प्रतिदिन जंगली हाथियों का विकराल रूप थमने को नाम नहीं ले रहा है, वहीं बीते गुरुवार की रात्रि में कदवा उर्फ लिखनीधौरा के कसियड़वा टोला में बहुत क्षति पहुंचाया है।घर, मवेशी, फसल और अनाज तक नहीं छोड़ रहे हैं।लगातार एक ही गांव के अंदर कई दिनों से पुर्णरुपेण आतंक जारी है।जिसके कारण वृंदावन थाना क्षेत्र के बरखोरहा व छतवा ग्राम पंचायत के ग्रामीण भी भयभीत हैं।झारखंड के ग्रामीणों ने विभागीय लोग से अपील किया है कि प्रशासनिक व्यवस्था को और थोड़ी कड़ाई करते हुए कोई ठोस कदम उठाएं क्योंकि ग्रामीणों में इतनी दहशत और डर पैदा हो गया है कि रात में अपना घर द्वार छोड़ कर दूसरे गांव और दूसरे टोले में निवास करना शूरू कर दिया है।हाथियों के झुंड ने बीती रात्रि में शिव प्रसाद गुप्ता की गाय व बछीया, यमुना साह का घर सहित चालीतर कोरवा, चरकू कोरवा, चैतू कोरवा का घर गिरा दिया।ग्रामीणों ने बताया कि दिन में हाथीयो का झुण्ड जमुंदाहा नाला जंगल में अपना अड्डा पर विश्राम करते हैं और रात्रि होने पर पुनः गांव में प्रवेश करते हैं।वहीं यमुना साह के घर में रखे 1 बोरा सरसो 4-5 बोरी चावल खाते हुए घर गिरा दिया।गुरूवार को शाम को ही सीएफ, डीएफओ, सहित रेंजर, फॉरेस्टर वन विभाग की पूरी टीम देर रात तक हाथियों को भगाने का प्रयास किया गया लेकिन हाथी फिर गांवों में आ गए।सभी टीम ने हुए नुकसान का जायजा भी लिया, वहीं ग्रामीणों ने कहा की सरकार पहल करेगी तो हाथी पर काबू पाया जा सकता है।लोगों ने बताया कि बंगाल से हाथी भगाने वाले को बुलाकर हाथी को भगाया जा सकता है।दिन प्रति दिन 2-4 मवेशियों की जान जा रहीं है।लगभग 40 से 50 घरो को नुकसान पहुंचाया है।