रेणुकूट (अमिताभ मिश्रा)
रेणुकूट। नगर के मुर्धवा में रहने वाले एक परिवार ने राष्ट्रपति को पत्र भेजकर इच्छामृत्यु की अनुमति देने की मांग की है।राष्ट्रपति को भेजे पत्र में पीड़ित परिवार की मुखिया अरुणा देवी ने लिखा है कि रेलवे द्वारा किए जा रहे दोहरीकरण के कार्य में रेलवे के अधिकारियों व स्थानीय प्रशासन द्वारा जबरन उनकी भूमिधरी जमीन पर निर्मित मकान को गिरा दिया गया और कोई मुआवजा नहीं दिया गया।उनका कहना है कि पहले 3 जुलाई 2023 को उनके 6 कमरे व दो बाथरूम को गिरा दिया गया, इसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है जहां मामला अभी भी चल रहा है।इसके बावजूद बीते 24 अगस्त को दोबारा बिना कोई नोटिस दिये उप जिलाधिकारी के मौखिक आदेश पर चार कमरा गिरा दिया गया।उन्होंने कहा कि उनका लगभग 15 लोगों का परिवार है और अब किसी तरह दो-तीन कमरों में रह रहे हैं, जिससे उन्हें काफी परेशानी हो रही है।उनका कहना है कि रेलवे के अधिकारियों द्वारा बेवजह दबाव देने से उनके पति शिवशंकर मिश्रा की मानसिक प्रताड़ना के कारण 1 जून 2023 को मृत्यु हो गई।रेलवे के अधिकारियों ने जबरन उनके छत के ऊपर से हाईटेंशन तार गुजार दिया गया। शुक्रवार को पीड़ित परिवार दिन भर उप जिलाधिकारी के पिपरी कार्यालय पर बैठकर उनसे मिलने का इंतजार करता रहा परंतु वह नहीं आए जिससे वह मजबूरन वापस हो गए।पीड़ित परिवार के कृष्ण कुमार मिश्रा का कहना है कि स्थानीय प्रशासन द्वारा उनके परिवार के साथ पूरी तरह उत्पीड़न किया जा रहा है।उन्होंने कहा कि प्रशासन द्वारा किए जा रहे उत्पीड़न से क्षुब्ध होकर उन्होंने परिवार सहित इच्छा मृत्यु के लिए पत्र लिखा है।उन्होंने प्रदेश के तमाम अन्य अधिकारियों को भी पत्र लिखकर मामले में न्याय दिलाए जाने की मांग की है।