चोपन (मनोज चौबे)
चोपन। स्थानीय थाना क्षेत्र के पटवध गांव के कचारी टोला में रविवार की देर रात्रि अचानक एक ही गांव के 17 से ज्यादा लोग डायरिया का शिकार हो गए जिनमें ज्यादातर महिलाएं एवं बच्चे हैं।सभी को 108 एंबुलेंस की सहायता से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चोपन में भर्ती कराया गया जहां सभी मरीजों का उपचार जारी है, जबकि एक दीपक पुत्र राजेश उम्र तीन वर्ष की गांव में ही उपचार मिलने के पुर्व ही मौत हो गई।गांव में अचानक डायरिया के फैलने के बारे में पत्रकारों के पूछने पर डॉ मनोज सिंह ने बताया कि दूषित पानी और मौसम में आए बदलाव के कारण डायरिया के मामले देखने को मिल रहे हैं, हालांकि मामले को लेकर गांव में लगातार जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है और स्वास्थ्य कर्मचारी लोगों को डायरिया के प्रति जागरूक भी कर रहे हैं।
वही डॉक्टर की माने तो सभी मरीजों की हालत स्थिर बनी हुई है लेकिन मौके पर अस्पताल मे फैली दुर्व्यवस्था के कारण भर्ती कराए गए मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।स्थिति यह है कि एंबुलेंस से मरीजों के आने के बाद तुरंत उन्हें बिना बेडशीट बिछे बेडों पर दो दो और तीन तीन मरीजों की संख्या में लिटा दिया गया।वार्ड में बिजली के पंखों की भी स्थिति ठीक नहीं है।पीने के स्वच्छ पानी के लिए अस्पताल के बाहर टंकी लगा था, किन्हीं कारणों से अब वहां से हटा दिया गया।यहां तक कि बाहर कैंटीन में भी अस्पताल परिसर के टंकी के पानी का उपयोग किया जा रहा है जिससे रोगियों की मुसीबत और बढ़ सकती है।मरीजों में चांदनी पुत्री राजेश 10 वर्ष, लक्ष्मी पुत्री राजेश 5 वर्ष, फूलवती पत्नी राजकुमार 30 वर्ष, गीता पत्नी रघुनंदन 28 वर्ष, प्रतिमा पुत्री रघुनंदन 10 वर्ष, लीला पत्नी ललित 30 वर्ष, समरी पत्नी मटुकी 60 वर्ष, सुनीता पुत्री विजेंद्र 10 वर्ष, पूनम पुत्री राजकुमार 2 वर्ष, कल्लू पुत्र सीट हर 18 वर्ष, किताबी पत्नी राजेश 25 वर्ष, श्रीपति पत्नी शंकर 65 वर्ष, राधिका पत्नी राहुल 22 वर्ष, पूनम पत्नी बवंडर 18 वर्ष, किरण पुत्री बवंडर 13 वर्ष, प्रतिमा पुत्री रघुनंदन 4 वर्ष, सोनी पुत्री शंकर 19 वर्ष, लक्ष्मी पुत्र रघुनंदन 14 शामिल है।उधर सुचना मिलते ही मौके पर जिला चिकित्सालय से पहुंचे सीएमओ ने भी मरीजों का हालचाल लिया और बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से चिकित्सकों का एक दल दवाओं के साथ डायरिया प्रभावित गांव में भेज दिया गया है जो दवा वितरण के साथ ही लोगों को डायरिया के संबंध में जागरूक करने का भी काम करेगा।