करमा (उमाकान्त मिश्रा)
– सउदिया मे नौकरी कर पत्नी को टीचर बनाने की थी तमन्ना
– पत्नी को पढ़ते पढ़ते हो गया दूसरे से प्यार, पति लगा रहा गुहार
करमा। करमा थानांतर्गत करकी माइनर के पास जोकाही गांव निवासी सद्दाम हुसैन पुत्र रफीक की 2018 मे चंदौली जनपद के कमला नगर मे तरन्नुम के साथ बड़े ही हंसी खुशी के साथ निकाह संपन्न हुआ।पत्नी ससुराल आने के बाद अपने पति से पढ़ाई करने व टीचर बनने का सपना दिखाई।पति भी पत्नी की बात मे आकर वाराणसी स्थित एक कालेज से बीटीसी कराने के लिए पुरा खर्च देकर भेज दिया।पैसे की कमी होने पर पति सद्दाम हुसैन घर परिवार छोड़कर विदेश सउदिया कमाने चला गया।प्रत्तेक माह पत्नी तरन्नुम के खाते मे पैसा भेजता रहा।चार वर्ष बाद अचानक सद्दाम के पिता रफीक की हार्ट अटैक से मौत हो गयी, जब सद्दाम घर आया तो कुछ दिन के बाद पत्नी टेट सी टेट की तैयारी के लिए पुनः वाराणसी चली गई।जब पति बुलाने गया तो उसने कहा कि आप हमारे काबिल नही हो, हम तुम्हारे साथ नही रहेंगे, बहुत निवेद्न के बाद भी ससुर ने उसे पत्नी से मिलने की इजाजत नही दिया, जब पत्नी आने के लिए तैयार नहीं हुई तो पति सद्दाम पत्नी के प्यार मे इतना दीवाना था कि अपने पास रखने के लिए न्यायालय एवं मुख्य मंत्री पोर्टल पर गुहार लगाना सुरु किया।पत्नी के प्यार मे दीवाना सद्दाम को जब कही से न्याय मिलता नही दिखा तो क्षेत्र के सम्भ्रान्त जनों, मीडिया के लोगो से भी अपनी पत्नी को वापस लाने के लिए मिन्नते करने लगा है।सद्दाम का कहना है कि मै अपनी तरन्नुम से बहुत प्यार करता हूं, उसके बिना जिंदा नहीं रह पाऊंगा।मेरी पत्नी को मुझसे मिलवा दो साहब।मै बर्बाद हो रहा हुं, मुझे मेरी पत्नी से मिलवा दो साहब।मुख्य मंत्री पोर्टल पर शिकायत के बाद कर्मा थाना एस आई अशोक मिश्रा द्वारा दोनो पक्षो को थाना पर बुलाया गया है, देखना यह होगा कि तरन्नुम सद्दाम के पास आने को राजी होती है या नही।क्षेत्र मे ज्योति मौर्या का उदाहरण देकर चट्टी चौराहो पर खूब चर्चा कर रहे है।कुछ लोग सद्दाम को व्यंग भी कस्ते है कि न पढ़ाये होते तो परिवार टूटने से बच गया होता।