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Bakri Palan Yojana UP : सरकार का उद्देश्य ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाना और किसानों की आय को बढ़ाना है. इस योजना की मदद से छोटे और सीमांत किसान भी अपनी इनकम को बढ़ा सकते हैं.
बकरी पालन पर मिल रहा 50% का अनुदान।
हाइलाइट्स
- उत्तर प्रदेश सरकार बकरी पालन पर 50% अनुदान दे रही है.
- किसानों को आवेदन के लिए पशु चिकित्साधिकारी कार्यालय से संपर्क करना होगा.
- बकरी पालन से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने का प्रयास.
मुरादाबाद. ये योजना बकरी पालक किसानों की किस्मत बदल सकती है. उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पशुपालन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कृषकों के लिए जनकल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं. इसी के तहत पशुपालन विभाग बकरी पालन को प्रोत्साहित करने के लिए कृषकों को 50% अनुदान दे रहा है. मुरादाबाद के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. अनिल कंसल के अनुसार, सरकार का उद्देश्य ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाना और किसानों की आय में वृद्धि करना है. डॉ. अनिल कंसल ने बताया कि इस योजना के अंतर्गत इच्छुक कृषकों को बकरी पालन यूनिट स्थापित करने के लिए सरकार की ओर से लागत का 50 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है. योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को निर्धारित प्रारूप पर आवेदन करना होगा. आवेदन प्रक्रिया जारी है.
बाजार में अच्छी मांग
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. अनिल कंसल ने बताया कि पात्र किसानों से अधिक से अधिक संख्या में समय पर आवेदन करने की अपील की गई है. बकरी पालन ग्रामीण क्षेत्रों में कम लागत में अच्छा मुनाफा देने वाला व्यवसाय है. इसके जरिए छोटे और सीमांत किसान भी अपनी आय बढ़ा सकते हैं. बकरी का दूध, मांस और बकरी से जुड़े अन्य उत्पादों की बाजार में अच्छी मांग है. इससे पशुपालकों को आर्थिक मजबूती मिलती है.
कार्यालय से करें संपर्क
आवेदन के लिए कृषकों को अपने भूमि संबंधी दस्तावेज, पहचान पत्र, बैंक पासबुक की फोटो कॉपी और अन्य जरूरी प्रमाणपत्रों के साथ संबंधित पशु चिकित्साधिकारी कार्यालय में संपर्क करना होगा. योजना के तहत चयनित किसानों को विभाग की ओर से तकनीकी प्रशिक्षण भी दिया जाएगा, ताकि वे बकरी पालन के वैज्ञानिक तरीकों को अपनाकर बेहतर उत्पादन हासिल कर सकें.
सरकार प्रतिबद्ध
मुरादाबाद के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि राज्य सरकार पशुपालन को कृषि के साथ जोड़कर किसानों को बहुआयामी आय के स्रोत उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है. इस योजना के सफल क्रियान्वयन से न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा, बल्कि प्रदेश के दुग्ध उत्पादन और पशुधन विकास को बल मिलेगा.