Sonbhadra News – अनपरा में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने मुख्य सचिव के निजीकरण संबंधी बयानों को भ्रामक बताया। उन्होंने कहा कि निजीकरण के खिलाफ वे हर कुर्बानी देने को तैयार हैं। समिति 16 अप्रैल से व्यापक…

अनपरा,संवाददाता। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने रविवार को बैठक कर आरोप लगाया है कि निजीकरण की जल्दी में मुख्य सचिव निजी कम्पनियों संग मीटिंग कर गलत बयानी कर रहे हैं। निजीकरण के नाम पर सार्वजनिक संपत्ति की लूट को रोकने के लिए बिजली कर्मचारी हर कुर्बानी को तैयार हैं। प्रदेश में किसी भी कीमत पर सार्वजनिक संपत्ति की लूट नहीं होने देगें। संघर्ष समिति ने कहा कि मुख्य सचिव का यह कहना पूर्णतया भ्रामक है कि विकसित भारत और ग्रोथ के लिए बिजली का निजीकरण जरूरी है। उन्होंने कहा कि भारत के सबसे अग्रणी प्रांतों में गुजरात, महाराष्ट्र, पंजाब, तमिलनाडु,कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, केरल आदि में बिजली सार्वजनिक क्षेत्र में है। इन सब प्रदेशों में कोई विकास और ग्रोथ नहीं हो रहा है। संघर्ष समिति ने कहा कि मुख्य सचिव का बयान पूरी तरह से अनुचित और भ्रामक है। संघर्ष समिति ने कहा कि उड़ीसा, दिल्ली और चंडीगढ़ में बिजली कर्मियों का किस प्रकार से दमन हो रहा है इसकी कहानी सुनाने के लिए इन प्रांतों के बिजली कर्मी जल्दी ही लखनऊ आएंगे और लखनऊ में प्रेस के सामने उत्पीड़न की कहानी सुनाएंगे। संघर्ष समिति के संयोजक शैलेन्द्र दुबे ने कहा कि निजीकरण के विरोध में 16 अप्रैल से व्यापक जनसंपर्क किया जाएगा और संघर्ष तब तक नहीं रुकेगा जब तक बिजली के निजीकरण का निर्णय वापस नहीं लिया जाता।