Last Updated:
Bitter Gourd Cultivation: बाराबंकी के इस किसान का कहना है कि जबसे उन्होंने पारंपरिक खेती छोड़कर करेले की खेती शुरू की है, तब से उन्हें कम लागत और मेहनत में अच्छी इनकम हो रही है.
गर्मियों में रहती है काफी डिमांड
हाइलाइट्स
- करेले की खेती से किसानों को कम लागत में अधिक मुनाफा हो रहा है.
- बाराबंकी के किसान शेखर यादव ने पारंपरिक खेती छोड़ करेले की खेती शुरू की.
- करेले की खेती में 60-70 दिनों में फसल तैयार हो जाती है.
बाराबंकी. आज के वक्त में करेले की खेती किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो रही है. यह कम लागत और कम समय में अधिक मुनाफा देने वाली फसल है. गर्मियों के मौसम में करेले की मांग बाजार में काफी बढ़ जाती है. करेला स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है. इसकी खेती में किसानों को विशेष देखभाल की जरूरत नहीं पड़ती. फसल तैयार होने में कम समय लगता है.
मिलते हैं अच्छे दाम
एक बार बीज बोने के बाद लगातार कई महीनों तक फसल मिलती रहती है. मंडियों में करेले के दाम अच्छे मिलते हैं. किसान एक महीने में ही हजारों-लाखों रुपये की कमाई कर सकते हैं. ये फसल किसानों के लिए आर्थिक रूप से लाभदायक साबित हो रही है. कम पानी की जरूरत और कीटनाशकों के कम इस्तेमाल से लागत भी कम आती है.
हो रहा है इतना मुनाफा
जिले के इस युवा किसान ने करेले की खेती कर कम लागत में अच्छा मुनाफा कमाया है, जिसके लिए वह कई सालों से करेले की खेती करके अच्छी कमाई कर रहे हैं. बाराबंकी जिले के सहेलियां गांव के रहने वाले किसान शेखर यादव ने पारंपरिक खेती छोड़ करेले की खेती की शुरुआत की, जिसमें उन्हें अच्छा लाभ देखने को मिला. आज वह करीब डेढ़ से दो बीघे में करेले की खेती कर रहे हैं. इस खेती से उन्हें एक फसल पर एक से डेढ़ लाख रुपए तक का मुनाफा हो रहा है.
छोड़ी पारंपरिक खेती
इसकी खेती करने वाले युवा किसान शेखर यादव ने लोकल 18 से बातचीत में बताया, “पहले हम पारंपरिक खेती करते थे, उसमें हमें अधिक मुनाफा नहीं हो पा रहा था. जिसके बाद करेले की खेती की शुरुआत की, जिसमें हमें अच्छा फायदा हुआ. इस समय हमारे पास दो बीघे में करेला लगा हुआ है, जो अच्छा निकल भी रहा है.
इसमें हम लागत की बात करें तो एक बीघे में 15 से 20 हजार रुपए आती है और मुनाफा करीब एक फसल पर एक से डेढ़ लाख रुपये तक हो जाता है, क्योंकि करेले की गर्मियों में काफी ज्यादा मांग रहती है और इस खेती की खास बात यह है कि इसमें लागत के हिसाब से मुनाफा कहीं अधिक है.”
आसान है करेले की खेती
करेले की खेती करना बहुत ही आसान है. पहले खेत की गहरी जुताई की जाती है, उसके बाद खेत में बेड बनाकर करेले के बीजों की बुवाई की जाती है. जब पौधा इसका थोड़ा बड़ा हो जाता है, तब इसको बांस-डोरी के सहारे बांध दिया जाता है, जिससे करेले की अच्छी पैदावार होने के साथ-साथ इसमें खरपतवार भी कम होता है. वहीं, करेले की बुवाई करने के लगभग 60 से 70 दिनों में फसल निकलने लगती है, जिसकी तोड़ाई कर हम बाजारों में बेच सकते हैं.