गाजीपुर: उत्तर प्रदेश के गाजीपुर के तुलसीसागर मोहल्ले के अभिनव श्रीवास्तव ने GATE 2025 में कमाल कर दिया. उन्हें इस परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक 135 मिली है. हालांकि, उनके साथ ये पहली बार में नहीं हुआ. इससे पहले 2024 में पहली बार जब उन्होंने GATE दिया था तब उनकी रैंक 2500 के पार आई थी. PSU जैसी टॉप कंपनियों में नौकरी पाना उनके लिए दूर की बात हो गई. इसके बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी.
HPCL तक क्वालिफाई नहीं कर पाए, थोड़ा डिप्रेस हुए, लेकिन वापस उठे।
2025 में दोबारा GATE दिया — इस बार रैंक आई 135!
अब पूछिए सीक्रेट क्या था?
अभिनव का जवाब सीधा है:
\”कोचिंग सब करते हैं, लेक्चर सब देखते हैं, पर क्वेश्चन सॉल्व नहीं करते। वहीं से फर्क शुरू होता है।\”
कॉलेज अच्छा नहीं मिला था लेकिन फिर भी अपनी कमी पता चल गई
अभिनव बताते हैं कि गाजीपुर जैसे छोटे शहर में सब्जेक्ट की समझ कम होती है, इसलिए इंजीनियरिंग का ट्रेंड देखकर उन्होंने भी बी.टेक ज्वॉइन कर लिया। 2023 में कॉलेज प्लेसमेंट में उन्होंने सोचा था कि एम टेक कार्य या फिर किसी प्राइवेट कंपनी में जॉब करूं. टियर-3 कॉलेज में भले संसाधन कम थे, लेकिन वहां तकनीकी एक्सपोज़र मिला और खुद की कमियां समझ आईं। उनका मानना है कि कोर्स खत्म करना तो सभी को आता है, लेकिन असली तैयारी तब होती है जब आप लगातार प्रैक्टिस करें और सवालों को खुद हल करें.
टाइम टेबल?
“सुबह 6 बजे उठो वाला फार्मूला मेरे बस का नहीं था। मन है, तो रात में पढ़ो — मन से पढ़ो।\”
लाइब्रेरी में दिन भर सवाल हल, घर आकर रिवीजन — यही थी उनकी रूटीन। टियर-3 कॉलेज से ग्रेजुएशन करने वाले अभिनव बताते हैं, “गाजीपुर जैसे छोटे शहर में डॉक्टर-इंजीनियर बनने का सपना सब देखते हैं, मैंने भी देखा। कॉलेज भले टॉप नहीं था, लेकिन एक्सपोजर मिला, अपनी कमियां पता चलीं।”
अब 135वीं रैंक के साथ PSU और टॉप करियर के दरवाज़े खुले हैं।अभिनव की ये कहानी बता रही है — टॉपर बनने के लिए कोचिंग नहीं, खुद से सवाल करना ज़रूरी है।