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Obesity and other health problems: जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के अध्ययन में पाया गया कि गंभीर मोटापा 16 बीमारियों का खतरा बढ़ाता है, जैसे स्लीप एप्निया, टाइप 2 डायबिटीज और फैटी लिवर. मोटापा बढ़ने से इन बीमारियो…और पढ़ें
मोटापे के कारण फैटी लिवर (मेटाबॉलिज्म से जुड़ा हुआ) हो सकता है.
हाइलाइट्स
- अत्यधिक मोटापा 16 बीमारियों का खतरा बढ़ाता है.
- स्लीप एप्निया, टाइप 2 डायबिटीज, फैटी लिवर शामिल.
- मोटापा बढ़ने से बीमारियों का खतरा भी बढ़ता है.
Obesity and other health problems: यदि आपका वजन हद से ज्यादा बढ़ गया है तो आप अलर्ट हो जाइए, क्योंकि आप मोटापा से ग्रस्त हो गए तो आपको कई अन्य बीमारियां भी घेर सकती हैं. ऐसे हम नहीं, बल्कि हाल ही में हुए एक अध्ययन में कहा गया है. स्टडी कहती है कि जो लोग मोटापे से ग्रस्त हैं, उनमें 16 तरह की कॉमन हेल्थ समस्याओं के होने का जोखिम अधिक रहता है. इसमें आपको नींद न आने की समस्या हो सकती है. सांस लेने में तकलीफ हो सकती है. साथ ही टाइप 2 डायबिटीज, फैटी लिवर आदि बीमारियों के होने का भी जोखिम बढ़ जाता है.
क्या कहती है नई स्टडी?
जब किसी व्यक्ति का बीएमआई (बॉडी मास इंडेक्स) 40 या उससे अधिक होता है या फिर 35 से ऊपर होते हुए भी मोटापे से जुड़ी बीमारियां हो जाती हैं, तो इसे ‘गंभीर मोटापा’ या ‘क्लास 3 स्तर का मोटापा’ कहते हैं. यह सेहत के लिए बहुत खतरनाक माना जाता है.
मोटापा आपके शरीर के कई अंगों पर बुरा असर डाल सकता है. कई बीमारियों का कारण बन सकता है. हालांकि, पहले के अध्ययनों में हर बीमारी को अलग-अलग देखा गया था, जिससे मोटापे के कुल असर को समझना मुश्किल हो जाता था.
जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी (अमेरिका) के वैज्ञानिकों ने अमेरिका के 2.7 लाख से ज्यादा लोगों के डेटा का विश्लेषण किया. उन्होंने पाया कि जैसे-जैसे लोगों का मोटापा बढ़ता गया, वैसे-वैसे सभी 16 बीमारियों के होने के मामले भी बढ़ते गए.
पहले मोटापे की श्रेणी में 21.2 प्रतिशत लोग थे, दूसरी श्रेणी में 11.3 प्रतिशत और तीसरी श्रेणी में 9.8 प्रतिशत लोग थे. मोटापा हर बीमारियों से संबंधित पाया गया और मोटापे की श्रेणी बढ़ने के साथ-साथ बीमारियों का खतरा भी बढ़ता गया.
मोटापे से 16 बीमारियों का रिस्क
उच्च रक्तचाप
टाइप 2 डायबिटीज
हाइपरलिपिडिमिया/डिस्लिपिडेमिया
हार्ट फेलियर
अनियमित दिल की धड़कन
एथेरोस्क्लेरोटिक हार्ट डिजीज
क्रोनिक किडनी डिजीज
पल्मोनरी एंबोलिज्म
शरीर की नसों में खून का थक्का
गाउट
फैटी लिवर (मेटाबॉलिज्म से जुड़ा हुआ)
पित्त की पथरी
स्लीप एप्निया (नींद में सांस रुकना)
दमा
अम्लता और पेट की जलन (गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स)
हड्डियों और जोड़ों की बीमारी (ऑस्टियोअर्थराइटिस) शामिल हैं.
इनमें सबसे ज़्यादा संबंध मोटापे का स्लीप एप्निया, टाइप 2 डायबिटीज और फैटी लिवर से पाया गया.