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Mau: मऊ के श्रेय रघुवंशी ने बैंक परीक्षा पास करके न केवल परिवार बल्कि जिले का भी नाम रोशन किया है. उनकी शुरुआती शिक्षा गुरुकुल से हुई है और उन्होंने सेल्फ स्टडी से ये एग्जाम पास किया है.

Shrey raghuwanshi
हाइलाइट्स
- श्रेय रघुवंशी ने बैंक परीक्षा पास की.
- गुरुकुल शिक्षा से मिली प्रेरणा से की तैयारी.
- श्रेय ने रोज 8-10 घंटे पढ़ाई की.
Mau: क्या कभी आपने सुना है कि कोई लड़का गुरुकुल में पढ़ाई कर किसी बड़ी परीक्षा को पास कर गया हो? अगर नहीं, तो हम आपको एक ऐसे ही शख्स के बारे में बता रहे हैं. उत्तर प्रदेश के मऊ जनपद के रहने वाले श्रेय रघुवंशी इस बात का उदाहरण हैं. उन्होंने मऊ जनपद का नाम रोशन किया है. उन्हें इंडियन बैंक में सफलता मिली है. श्रेय रघुवंशी मऊ जिले के नगर क्षेत्र के ब्रह्मस्थान (सहादतपुरा) मोहल्ले के रहने वाले हैं, जिन्होंने इंडियन बैंक में कस्टमर सर्विस एसोसिएट (सीएसए) पद के लिए आयोजित ऑनलाइन मुख्य परीक्षा में शानदार सफलता हासिल कर जिले का मान बढ़ाया है.
प्रतिष्ठित संस्थानों द्वारा आयोजित परीक्षा में पाई सफलता
बैंकों में कस्टमर सर्विस एसोसिएट (सीएसए) आदि पद (सीआरपी-सीएसए-XIV) 2025-26 की रिक्तियों के लिए, इंस्टिट्यूट ऑफ़ बैंकिंग पर्सोनेल सिलेक्शन (IBPS), रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI), केंद्रीय वित्त मंत्रालय और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा यह परीक्षा आयोजित की गई थी, जिसमें श्रेय ने ‘सामान्य वर्ग’ में सफलता प्राप्त कर अपने परिवार और क्षेत्र का नाम रोशन किया है.
परिवार का गौरव बढ़ाने वाला होनहार छात्र
श्रेय रघुवंशी एडवोकेट राकेश कुमार सिंह के पुत्र और रेलवे से रिटायर सेक्शन इंजीनियर इंद्रासन सिंह के पोते हैं. उनके बड़े भाई श्रेयांश रघुवंशी कनाडा में रहकर व्यावसायिक पढ़ाई कर रहे हैं. उनके परिवार में हर कोई किसी न किसी प्रतिष्ठित जगह पर है और श्रेय ने इस परंपरा को आगे बढ़ाया है. इस कठिन परीक्षा को पास किया है जिसमें बड़ी संख्या में कैंडिडेट बैठते हैं.
गुरुकुल शिक्षा से मिली प्रेरणा
लोकल 18 से बात करते हुए श्रेय रघुवंशी बताते हैं कि गुरुकुल शिक्षा से मिली प्रेरणा से उन्होंने खुद के प्रयासों से परीक्षा की तैयारी शुरू की. श्रेय ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा हरियाणा के कुरुक्षेत्र में आर्य समाज द्वारा संचालित गुरुकुल से प्राप्त की और इंटरमीडिएट तक की शिक्षा वहीं पूरी की. इसके बाद, कोरोना काल के दौरान उन्होंने लखनऊ यूनिवर्सिटी से स्नातक की पढ़ाई पूरी की और घर पर रहकर ही पूरी तरह आत्मनिर्भर होकर बैंकिंग परीक्षा की तैयारी की. वे दिन में 8 से 10 घंटे रोज पढ़ते थे.
बड़ा अधिकारी बनने का सपना
श्रेय बताते हैं कि इस शानदार उपलब्धि से उनके माता-पिता, परिवार, रिश्तेदारों और क्षेत्रवासियों में खुशी की लहर है. उनकी सफलता ने यह साबित कर दिया कि संकल्प और मेहनत से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है. उनकी इस सफलता पर उन्हें चारों ओर से बधाइयां मिल रही हैं, साथ ही अभी उनका सपना है कि आगे और बड़ा अधिकारी बनें.