Happy Marriage life Tips : जन्मकुंडली में प्रत्येक भाव का अपना अलग महत्व होता है.जीवन का हर घटनाक्रम किसी न किसी भाव से संचालित होता है. जन्मकुंडली में सातवा भाव विवाह और व्यापार से सम्बन्ध रखता है.सप्तम भाव में बैठे ग्रह या उस पर दृष्टि सम्बन्ध स्थापित कर रहे ग्रह बताते हैं कि हमारा वैवाहिक जीवन कैसा होगा. अगर सप्तम भाव में अच्छे ग्रह होते हैं तो वैवाहिक जीवन बहुत शानदार रहता है. यदि सप्तम भाव में केतु,सूर्य और मंगल जैसे ग्रह होते हैं तो वैवाहिक जीवन में दिक्कतें बनी रहती हैं.आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि सप्तम भाव में कौन से ग्रह होने पर हमें क्या सावधानी रखनी चाहिये.
शनि : यदि आपकी जन्म कुंडली के सप्तम भाव में शनि देव बैठे हुए हैं तो मुफ्त में किसी को भी शराब ना पिलाए. इससे आपका वैवाहिक जीवन और व्यवसाय दोनों तहस नहस हो जाएंगे.
राहु : यदि जन्म कुंडली के सप्तम भाव में राहु ग्रह बैठा हुआ है तो भूल कर कभी जुआ, सट्टा न खेलें इसके अलावा कभी भी शॉर्ट मनी के पीछे ना भागें.
केतु : जन्म कुंडली के सप्तम भाव में केतु ग्रह के होने पर आप अपनी जुबान पर कायम रहें. यदि आप किसी से वादा करते हैं तो उसे कभी ना तोड़ें. अन्यथा केतु देव आपके जीवन को बर्बाद कर देंगे.
सूर्य : जन्म कुंडली में यदि सप्तम भाव में सूर्य देव बैठे हुए हैं तो कभी भी सूर्योदय अथवा सुबह के वक्त में कोई भी चीज दान ना करें. ऐसा करने से पत्नी के साथ विवाद अथवा स्वास्थ्य की समस्या होती है.
चंद्र : जन्म कुंडली के सप्तम भाव में चंद्र देव के होने से आपको किसी भी सफेद वस्तु का व्यापार नहीं करना चाहिए. इससे वैवाहिक जीवन में तनाव उत्पन्न होता है.
गुरु : जन्म कुंडली में यदि सप्तम भाव में देवगुरु बृहस्पति होते हैं तो कभी भी भूलकर बुजुर्गों का साधु संतों का और पुरोहित का अपमान नहीं करना चाहिए. ऐसा करने से महापाप लगता है.
शुक्र : जन्म कुंडली में सप्तम भाव में शुक्र अति शुभ माना जाता है. लेकिन यदि आप दिन के समय संभोग करते हैं तो यही शुक्र आपको खराब परिणाम देना शुरू कर देता है.
मंगल : जिन जातकों की सप्तम भाव में मंगल होता है. ऐसे जातकों को अपने जीवन साथी से बिल्कुल भी झगड़ा नहीं करना चाहिए. झगड़ा करने से उनके रिश्तों में दरार आ जाती है और बात तलाक तक आ सकती है.
बुध : जन्म कुंडली के सप्तम भाव में यदि बुध ग्रह बैठा हो या किसी भी तरह से संबंध बना रहा हो तो कभी भी पार्टनरशिप में कोई भी कार्य नहीं करना चाहिए.