गिरफ्तार आरोपियों पर लगा यूएपीए।
मुंबई: महाराष्ट्र के बीड जिले में ईद पर एक मस्जिद में विस्फोट का मामला सामने आया था। इस मामले में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार भी किया था। वहीं अब गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने ‘आतंकवादी कृत्य’ के लिए गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) और भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा लगाई है। अधिकारियों ने इस बारे में जानकारी दी। बीड पुलिस ने शुरू में बीएनएस की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था। जांच के बाद अब पुलिस ने बीएनएस धारा 113 (आतंकवादी कृत्य) और यूएपीए की धारा 15, 16 और 18 जोड़ दी हैं।
जिलेटिन की छड़ों से किया विस्फोट
दरअसल, ईद-उल-फित्र की पूर्व संध्या पर 30 मार्च को गेवराई तहसील के अर्ध मसला गांव की एक मस्जिद में विस्फोट का मामला सामने आया है। आरोपियों ने जिलेटिन की छड़ों का उपयोग करके इस घटना को अंजाम दिया था। यह घटना कथित तौर पर जुलूस के दौरान दो समूहों के बीच हुए विवाद के बाद घटी, जिसके बाद दो लोगों को गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने विस्फोट के कुछ ही घंटों के भीतर स्थानीय निवासी विजय राम गव्हाने (22) और श्रीराम अशोक सागड़े (24) को गिरफ्तार कर लिया था।
AIMIM ने उठाई थी मांग
कुछ दिन पहले पूर्व सांसद और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष इम्तियाज जलील ने बीड की मस्जिद में हुए ब्लास्ट के गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ यूएपीए लगाने की मांग की थी। उन्होंने कहा कि बीड जिले में एक मस्जिद के अंदर जिलेटिन की छड़ें रखने और विस्फोट करने के आरोप में गिरफ्तार दो लोगों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम लगाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘अगर कोई मुसलमान छोटी सी घटना के लिए भी जिम्मेदार होता है तो उसके घर को बुलडोजर से गिरा दिया जाता है। लेकिन अगर हमारे धार्मिक स्थल को विस्फोटक का इस्तेमाल करके नुकसान पहुंचाया जाता है तो यूएपीए लागू नहीं होता। कानून सभी के लिए समान होना चाहिए।’’
क्या होता है UAPA?
बता दें कि UAPA का फुल फॉर्म Unlawful Activities (Prevention) Act होता है। इसका मतलब “गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम” होता है। इस कानून का मुख्य काम आतंकी गतिविधियों को रोकना होता है। इस कानून के तहत पुलिस ऐसे आतंकियों, अपराधियों या अन्य लोगों को चिह्नित करती है, जो आतंकी गतिविधियों में शामिल होते हैं। इस मामले में एनआईए यानी राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को काफी शक्तियां होती है। यहां तक कि एनआईए महानिदेशक चाहें तो किसी मामले की जांच के दौरान वह संबंधित शख्स की संपत्ति की कुर्की-जब्ती भी करवा सकते हैं। (पीटीआई इनपुट्स के साथ)
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