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सोनभद्र के एडीओ पंचायत महिपाल लकड़े ने गर्मी में जानवरों के लिए पेयजल की व्यवस्था की मुहिम चलाई है. ग्राम पंचायतों को आदेश दिया गया है कि जानवरों के बसेरों में पानी की व्यवस्था की जाए.
water scarcity
हाइलाइट्स
- सोनभद्र में जानवरों के लिए पेयजल की व्यवस्था की गई.
- एडीओ पंचायत महिपाल लकड़े ने मुहिम चलाई.
- ग्राम पंचायतों को जानवरों के बसेरों में पानी की व्यवस्था के आदेश.
Sonbhadra News: इस भीषण गर्मी में ग्रामीण और शहरी लोगों को पेयजल समस्या का सामना करना पड़ रहा है. लोग टैंकर और अन्य साधनों से पेयजल की व्यवस्था कर रहे हैं. अगर कोई इस गर्मी में जानवरों के बारे में चिंतन करता है, तो वह सबसे बड़ा सामाजिक चिंतक माना जाता है. इसी तरह, सोनभद्र के रॉबर्ट्सगंज विकासखंड के एडीओ पंचायत महिपाल लकड़े ने एक मुहिम चलाई है. इस मुहिम में रॉबर्ट्सगंज के कैमूर वन्य जीव विहार क्षेत्र के जानवरों के लिए पेयजल की व्यवस्था करने के आदेश दिए गए हैं. ग्राम पंचायतों को निर्देश दिया गया है कि जहां-जहां जानवरों का बसेरा है, वहां गड्ढा खोदकर टैंकर से पानी की व्यवस्था की जाए.
जानवरों को पेयजल की समस्या का सामना करना पड़ता है
एडीओ पंचायत ने बताया कि गर्मी के दिनों में लोग अपनी पेयजल जरूरतों पर ध्यान देते हैं, लेकिन जंगल में रहने वाले जानवरों को पेयजल की समस्या का सामना करना पड़ता है. अपने क्षेत्र में भ्रमण के दौरान उन्होंने देखा कि मारकुंडी घाटी में सैकड़ों बंदर पेयजल के लिए परेशान थे. तब उन्होंने ग्राम पंचायत मारकुंडी से तुरंत वहां पानी की व्यवस्था कराई, जिससे बंदर खुश नजर आए. इसके बाद उन्होंने आदेश दिया कि जानवरों के लिए भी पेयजल की व्यवस्था की जाए.
मारकुंडी घाटी को क्यों स्विट्जरलैंड कहा जाता है?
मारकुंडी घाटी, जिसे स्विट्जरलैंड कहा जाता है, बारिश के दिनों में हरी-भरी रहती है, लेकिन गर्मी में सूख जाती है. इस कारण जंगली जानवरों को पेयजल की कमी का सामना करना पड़ता है. इस पहल से उन्हें बड़ी राहत मिलेगी.